सार्स जैसे वायरस से चिंता
१३ मई २०१३विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दो अलग अलग महाद्वीपों पर नोवेल कोरोनावायरस के मिलने पर चिंता जताई है. यह वायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम (सार्स) से जुड़ा हुआ है. यह 10 साल पहले पूर्वी एशिया में सामने आया था. तब इस वायरस का संक्रमण पशुओं से इंसानों में हुआ था. और इसके कारण 800 से ज्यादा लोगों की जान गई.
विश्व स्वास्थ्य संगठन को अभी तक इस वायरस के मूल का पता नहीं चला है और यह भी नहीं कि यह वायरस कितना फैला है. उधर सऊदी अरब में इस वायरस से कुल 15 मौतों की पुष्टि की गई है. सऊदी अरब के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रविवार को इस वायरस के कारण सात लोगों की मौत हुई वहीं 22 अन्य का इलाज किया जा रहा है.
सऊदी अरब ने कहा, "इलाके के और बाहर के देशों में लोगों में नए संक्रमण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए." बढ़े संक्रमणों के मद्देनजर सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से जांच शुरू की है.
फ्रांस ने भी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन को दूसरे मामले की जानकारी दी है. माना जा रहा है कि लंबे और नजदीकी संपर्क के कारण यह संक्रमण हुआ है. कई दिन पहले उत्तरी फ्रांस के एक शहर में 50 साल का एक व्यक्ति अस्पताल में बीमार हो गया था. उनके साथ कमरे में 65 साल का एक और मरीज था जो दुबई में वायरस से संक्रमित हुआ था. स्वास्थ्य अधिकारियों को मामले का पता अप्रैल के आखिर में चला था.
कैसे करें बचाव
इस बीमारी से बचाव सरल तरीके से हो सकता है, पहला तरीका है साफ सफाई. बाहर से आकर हाथ अच्छे से धोना मुख्य है. अस्पताल में जाने पर किसी भी मरीज को छूने से पहले और छूने के बाद हाथ अच्छे से साबुन से धोना चाहिए.
अगर आपके शहर में इस तरह के संक्रमण की खबर है तो मुंह पर बांधने के लिए मास्क ले लें. शंका होने की स्थिति में बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं. इसके शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं. जिसमें बुखार, थकान, कफ, गला खराब जैसे सामान्य लक्षण होते हैं. इसका सामान्य लक्षण है 38 डिग्री (100 डिग्री फॉरेनहाइट) के ऊपर बुखार. सांस लेने में मुश्किल बाद में हो सकती है. यह सर्दी से शुरू होता है और इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाता है.
रिपोर्टः आभा मोंढे
संपादनः ए जमाल