सामने आएंगे हिलेरी के 'एलियन'
१३ मई २०१६डेमोक्रैटिक पार्टी की नेता हिलेरी क्लिंटन ने एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में यह बात कही. ऐसी मांगें 2005 में राष्ट्रपति बने बराक ओबामा से भी होती रहीं, लेकिन वह हमेशा इसे मजाक में टालते रहे. लेकिन हिलेरी क्लिंटन राष्ट्रपति पद की ऐसी पहली दावेदार बन गई हैं जो यह जानकारी सार्वजनिक करने का एलान कर रही हैं. इंटरव्यू में क्लिंटन ने कहा, "आपको पता है इसका एक नया नाम है. अबूझ हवाई वाकया, यूएपी. मैं वो सभी फाइलें खोल दूंगी तो जो मेरे अधिकार में होंगी."
ज्यादातर अमेरिकी एलियंस या उड़नतश्तरियों पर भरोसा नहीं करते हैं. हिलेरी क्लिंटन के पास इसका भी जवाब था, "कई कहानियां हैं और मुझे नहीं लगता कि हर कोई किचन में बैठकर इन कहानियों को गढ़ रहा है."
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में फोकस आम तौर पर अर्थव्यवस्था और आतंकवाद पर रहता है. लेकिन हिलेरी एलियंस से जुड़ी जानकारी देने का वादा कर वोटरों के एक खास तबके को अपनी ओर खींचना चाहती हैं. सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हो रही है.
स्टीफन बैसेट ब्रह्मांड के मामलों पर अमेरिकी सरकार को सुझाव देते हैं. नवंबर 2014 से वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदारी ठोंकने वालों को 25 लाख ट्वीट कर चुके हैं. बैसेट अब हिलेरी क्लिंटन के चुनावी अभियान का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि धरती के पार अगर जीवन है तो क्लिंटन दुनिया को उसकी जानकारी देंगी.
एलियन और उड़नतश्तरियों की कहानी 1960 के दशक में चर्चा में आई. तत्कालीन सोवियत संघ और अमेरिका के बीच छिड़ी होड़ में खुद को दूसरे से ज्यादा तेज साबित करने के लिए दोनों पक्षों ने एलियंस और उड़नतश्तरियों का सहारा लिया. 1970, 80 और 90 के दशक में कई बार आकाश में दिखाई पड़ने वाली चीजों को विचित्र बताकर उनकी तस्वीरें पेश की गईं. कुछ वैज्ञानिकों और पायलटों ने इससे जुड़े दावे किए. अमेरिका के कुछ शहरों में एलियंस और यूएफओ से जुड़े म्यूजियम भी खुले.
फरवरी 2016 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा पर सुनाई पड़े संगीत को सार्वजनिक किया. नासा के मुताबिक 20 जुलाई 1969 को जब पहली बार चंद्रमा पर इंसान के कदम पड़े तो वहां एक धुन सुनाई पड़ी. वह धुन अपोलो-11 यान की आवाज या उसके रेडियो सिग्नलों से बिल्कुल अलग थी. नासा का दावा है कि यह धुन किसी अज्ञात स्रोत से निकल रही थी.
वैसे धरती के बाहर जीवन की खोज विज्ञान लंबे समय से कर रहा है. ब्रिटेन के मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग तो एक रूसी अरबपति के साथ मिलकर इस अभियान की शुरुआत भी कर चुके हैं.