साग भाजी की तरह बेचे जाते हैं मानव अंग
२६ अक्टूबर २०१७कोडी साउंडर्स का जन्म 1992 में हुआ. उनकी किडनी खराब थी और दिल में एक छेद था. 24 साल की उम्र में जब उनका देहांत हुआ, तब तक उनकी 66 सर्जरी और 1700 से ज्यादा डायलिसिस हो चुके थे. 2 अगस्त 2016 को घर से डायलिसिस के लिए जाते वक्त दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी. उनके मां बाप की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वे उनका अंतिम संस्कार करते. ऐसे में उन्होंने अपने बेटे के शव को रिस्टोर लाइफ यूएसए नाम के संगठन को दान में देने का फैसला किया. यह संस्था दान में मिले शरीर को बेचती है. रिसर्चर, यूनिवर्सिटी और मेडिकल ट्रेनिंग देने वाले संस्थान उसके खरीदारों में हैं.
कोडी की मौत के कुछ महीने बाद रिस्टोर लाइफ यूएसए ने इस युवा के शरीर के कुछ हिस्सों को बेच दिया. इसके लिए बस कुछ ईमेल भेजे गये और 300 डॉलर की कीमत के साथ ही भेजने का खर्च भी लगा. रिस्टोर लाइफ ने खरीदार की कितनी जांच की, यह भी अभी साफ नहीं है. लेकिन अगर उन्होंने इसकी पड़ताल की होती तो उन्हें जरूर पता चल जाता कि इसे खरीदने वाला और कोई नहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स का एक पत्रकार है जो इस कारोबार के बारे में खोजी रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है.
इस तरह की कंपनियों को कई बार बॉडी ब्रोकर कहा जाता है लेकिन ये कंपनियां खुद को नॉन ट्रांसप्लांट टिश्यू बैंक कहलाना पसंद करती हैं. आमतौर पर ये मुफ्त में मिलने वाले शवों को हासिल कर लेती हैं. कई बार ये शव विज्ञान के शोध के लिए दान में भी दिये जाते हैं. इसके बाद इनके शरीरों के हिस्सों को टुकड़ों में काट कर एक एक टुकड़ा सैकड़ों और हजारों डॉलर में बेचा जाता है. इसके खरीदार आमतौर पर मेडिकल रिसर्चर होते हैं. इसके साथ ही उपकरण बनाने वाले और वे संस्थायें भी जो डॉक्टरों को ट्रेनिंग देती हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने काफी समय लगा कर इसकी पड़ताल की है. आखिर किसी को शव हासिल करना हो तो उसे क्या करना होगा. इसके साथ ही यह जानने की भी कोशिश की गयी कि बॉडी ब्रोकर संभावित खरीदारों की कितनी जांच परख करते हैं.
मानव शरीर के अंगों को खरीदने के लिए रॉयटर्स के रिपोर्टर ब्रायन ग्रो ने बॉ़डी ब्रोकरों को पहले ईमेल भेजे. उन्होंने यह नहीं बताया कि वह पत्रकार हैं. ग्रो ने पिछले साल पांच बॉडी ब्रोकरों को मेल भेजा. इनमें से दो ने जवाब नहीं दिया. दो ब्रोकरों ने उनके मकसद के बारे में और जानकारी मांगी और एक ब्रोकर सर्वाइकल स्पाइन बेचने पर रजामंद हो गया. रॉयटर्स ने इस फर्म से बाद में दो मानव सिर खरीदे. इनमें से प्रत्येक के लिए 300 अमेरिकी डॉलर की कीमत चुकाई गयी, इस पूरी प्रक्रिया से यह साफ हो जाता है कि अमेरिका में इस तरह से मानव अंगों की खरीद बिक्री कितनी आसान है. इनकी खरीद बिक्री या फिर ढुलाई के लिए कोई खास कानून भी नहीं है. हालांकि ट्रांसप्लांट के लिए मानव अंगों को बेचना गैरकानूनी है लेकिन रिसर्च या फिर पढ़ाई के लिए दान में मिले शवों के हिस्सों को बेचा जा सकता है.
इस सौदे के कई महीने बाद रॉयटर्स ने फर्म के मालिक जेम्स बायर्ड से कुछ सवाल जवाब करने की कोशिश की. बायर्ड ने पहले तो इस तरह शवों के हिस्से खरीदने की आलोचना की लेकिन बाद में एक बयान के जरिए अपना जवाब दिया. बायर्ड ने इसमें कहा, "यह जाहिर है कि जिन लोगों की हम मदद करते हैं उनसे रॉयटर्स का कोई लेना देना नहीं हैं. आप सिर्फ उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते हो जिनकी हम मदद करते हैं. हम दुनिया के विख्यात रिसर्चरों के साथ काम कर इन रिसर्चों के जरिए अनगिनत लोगों की मदद करते हैं."
अमेरिका में मिनेसोटा बॉडी डोनेशन कमीशन के पूर्व चेयरमैन माकार्थर का कहना है कि शवों का दान करने वाले परिजन सिर्फ अपने प्रियजन की इच्छा पूरी करना चाहते हैं, मुश्किल वक्त में भी उनकी मंशा उत्तम है, उन्हें इस उद्योग से बेहतर व्यवहार मिलना चाहिए. मैकआर्थर ने कहा, "मानव शरीर को पुराने फ्रिज की तरह बेचा और खरीदा नहीं जाना चाहिए."
एनआर/एके (रॉयटर्स)