सस्ते घर की तलाश में मलेशियाई
४ मई २०१३दक्षिण पूर्वी एशिया के अहम देश में 1 करोड़ 33 लाख मतदाताओं में अधिकतर मुस्लिम हैं. 222 संसदीय सीटों के लिए वे ही तय करेंगे कि 56 साल से सत्ताधारी पार्टी नेशनल फ्रंट के नजीब को फिर से चुनना है या फिर अनवर के गठबंधन को आगे लाना है. 65 साल के पूर्व प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम कहते हैं, "भ्रष्टाचार, जातिवाद, सत्ता के दुरुपयोग की हद हो गई है. मुझे विश्वास है कि मलेशिया बदलाव के लिए तैयार है. वहीं 59 साल के नजीब की दलील है कि विपक्षी गठबंधन के वादे खाली हैं और चेतावनी दी कि यह आर्थिक परेशानी खड़ी कर सकता है. "हमारे लिए महत्वपूर्ण सिर्फ बदलाव ही नहीं बल्कि सच्चा बदलाव और विकास है और ये दोनों भीतर से ही आ सकते हैं."
चुनाव आयोग के उप प्रमुख अहमद ओमर कहते हैं,"यह चुनाव सभी के लिए मुश्किल होंगे और चुनाव आयोग के लिए चुनौती है." अहमद के मुताबिक आयोग तुरंत विजेताओं के नाम वेबसाइट पर घोषित करेगा ताकि किसी तरह का तनाव न पैदा हो.
मलेशिया की 56 संसदीय सीटें साबाह और सारावाक में हैं और इन दो राज्यों के नतीजे पूरे देश के नतीजों को बदल सकते है. देश के 30 फीसदी युवा भी नतीजे में अहम भूमिका निभाएंगे. नयंग तकनीकी यूनिवर्सिटी में एस राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के मोहम्मद नवाब मोहम्मद उस्मान कहते हैं, "जो भी गठबंधन युवाओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब होगा वह कई मुख्य राज्यों में आगे जा सकते हैं और तो और पुतराज्य में सरकार भी बना सकता है."
मलेशिया 13 राज्यों और तीन संघीय राज्यों में बंटा हुआ है. देश दक्षिणी चीन सागर के कारण दो बराबर के हिस्सों में बंटा हुआ है. मलेशिया प्रायद्वीप और मलेशियाई बोर्नियो. देश की ज्यादातर जनसंख्या प्रायद्वीपीय इलाके में रहती है.
चुनाव के पहले किए गए सर्वे के मुताबिक मलेशियाई जनता इन मुद्दों पर चिंतित है
- 51 फीसदी लोग भ्रष्टाचार से निबटने की कोशिशों के बारे में चिंतित हैं
- 21 प्रतिशत लोग घर की ठीक ठाक कीमतों के बारे में सोचते हैं
- 21 फीसदी बढ़ती महंगाई के बारे में चिंतित हैं.
- 17 प्रतिशत लोगों के लिए गांवों में मूलभूत संरचना बढ़ा सकना एक मुद्दा है.
- 13 फीसदी जनता पुलिस और जन सुरक्षा बेहतर करना चाहती है.
- और 13 प्रतिशत जनता सरकार की क्षमता बेहतर करना चाहती है.
यह सर्वे 2012 में मेरदेका सेंटर फॉर ओपिनियन रिसर्च ने करवाया था.
विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम को 1998 में पद से हटा दिया गया था और उन्हें यौन अपराध के आरोप में जेल में डाल दिया गया था. उनका कहना है कि राजनीतिक दुश्मनों ने उन्हें फंसाया. सत्ताधारी नेशनल फ्रंट पर आरोप हैं कि वह चीनी, भारतीय और दूसरे अल्पसंख्यकों के साथ शिक्षा, निवास, व्यापार और धर्म की आजादी के मामले में भेदभाव करते हैं. मलेशिया की जनसंख्या में सात फीसदी हिस्सा भारतीयों का है.
एएम/एन रंजन (एएफपी, डीपीए)