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चुनें सस्ती पर सही सीट

१० जून २०१४

पिछले कुछ सालों से कई एयरलाइंस डिस्काउंट में टिकट बेच रही हैं. किसी न किसी स्कीम में हवाई टिकट खरीदना सस्ता तो पड़ता है, लेकिन आराम की इसमें कोई गारंटी नहीं.

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तस्वीर: Fotolia/Andres Rodriguez

इंटरनेट में अगर सस्ती टिकट पर यात्रा कर चुके लोगों के कमेंट्स पढ़ें तो पता चलेगा कि ज्यादातर लोग एयरलाइन से परेशान हैं. कोई ज्यादा सामान साथ नहीं ले पाया, किसी को मनचाहा खाना नहीं मिला तो किसी की सीट इतनी छोटी थी कि टांगें भी सीधी नहीं हो पाईं.

हैम्बर्ग हारबुर्ग पॉलीटेक्निकल यूनिवर्सिटी के राल्फ गॉड कहते हैं कि एयरलाइंस का एक ही नारा है, "स्पेस इज मनी" यानि प्लेन में आपको जितनी ज्यादा जगह चाहिए, उतने ज्यादा पैसे भी देने पड़ेंगे. वह बताते हैं कि इन दिनों ज्यादातर कंपनियों की कोशिश है कि कम जगह में ज्यादा सीटें फिट की जा सकें. इस तरह से वे पैसे भी बचा सकती हैं और कार्बन डायॉक्साइड उत्सर्जन पर भी काबू रख सकती हैं.

छोटी होती सीटें

यहां तक कि कुर्सियों की क्वॉलिटी पर भी असर पड़ रहा है. राल्फ गॉड बताते हैं, "लुफ्थांसा के नए केबिन में जो सीटें लग रही हैं, दरअसल वे बस लोहे के ढांचे हैं और उन पर कपड़ा लगा दिया गया है. वे बगीचे में रखने वाली कुर्सियों जैसी हैं." उन्होंने बताया कि इन सीटों का वजन सामान्य सीटों की तुलना में 3.8 किलो कम है.

एयरबस के जिन विमानों में आम तौर पर इकॉनोमी क्लास की 120 सीटें होती हैं, उनमें हर नई सीट के साथ आधे टन की बचत हो रही है. एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि इस तरह से वे हर विमान में 43 टन तेल की खपत कम कर सकेंगी. पर्यावरण के लिए यह अच्छा जरूर है. लेकिन यात्रियों के लिए इसका मतलब है कि उन्हें एक सीट से दूसरी के बीच में केवल 75 सेंटीमीटर की ही जगह मिल पाएगी. इस जगह को 'सीट पिच' कहा जाता है.

सीट पिच पर दें ध्यान

छोटी फ्लाइटों में, जिनमें दोनों तरफ तीन तीन सीटें लगी होती हैं, सीट पिच 74 से 79 सेंटीमीटर के बीच होती है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार इसे कम से कम 71 सेंटीमीटर होना चाहिए. आयरलैंड की कंपनी रायन एयर इस नियम का सबसे ज्यादा फायदा उठाती है. इसलिए जानकारों की सलाह है कि फ्लाइट बुक करते समय एयरलाइन के नाम पर न जाएं, बल्कि सुनिश्चित कर लें कि आपको कितनी सीट पिच मिल रही है.

बड़ी प्लाइटों में, जहां छह, आठ या 10 घंटे की उड़ान होती है, उनमें सीट पिच 79 से 81 सेंटीमीटर के बीच होती है. इनमें थाई एयरलाइंस सबसे अच्छी मानी जाती है. उसमें 83 से 86 सेंटीमीटर की जगह होती है. और भी ज्यादा लेगरूम चाहते हैं तो इमरजेंसी गेट के पास वाली सीट बुक करें.

भविष्य में क्या

जगह बचाने के चक्कर में लगभग सभी एयरलाइन नौ सीटों की जगह में 10 सीटें फिट करने में लगी हैं. जर्मनी की रेकारो एयरक्राफ्ट सीटिंग कंपनी के रेने डांकवेर्थ कहते हैं, "विमान का केबिन रियल एस्टेट की दुनिया में सबसे महंगी चीज है, इसीलिए हर इंच के लिए लड़ाई है." भविष्य के बारे में बात करते हुए वह कहते हैं, "आने वाले समय में सुपरसॉनिक प्लेन चलने लगेंगे और तब जगह और भी कम हो जाएगी."

संभावनाएं गिनाते हुए वे कहते हैं कि इसका विपरीत भी संभव है, "अगर सोलर पैनल वाले विमान शुरू हो गए, जैसा कि आज कल परीक्षण चल ही रहा है, तब तो हवाई यात्रा की गति बहुत धीमी हो जाएगी." ऐसे में कंपनियों को सीटों का आकार बड़ा करना ही पड़ेगा.

आईबी/एजेए (डीपीए)