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सरकार बनाएगी स्मार्ट नौकरानियां

७ दिसम्बर २०१२

क्या आपकी घरेलू नौकरानी या काम वाली बाई किचन में लगे आधुनिक उपकरणों को नहीं चला पाती? क्या वह बिजली से चलने वाले उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को छूने या उनकी साफ-सफाई से डरती है? अब तक यह काम आपको खुद ही करना पड़ता है?

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तस्वीर: DW

आप अगर पश्चिम बंगाल में रहते हैं तो अब इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. यहां घरेलू नौकरानियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने और उनके रख रखाव में निपुण बनाने के लिए अब सरकार उनको प्रशिक्षण देगी. यानी अब सरकार इन नौकरानियों को स्मार्ट बनाएगी. इस प्रशिक्षण के दौरान उनको कई और चीजें भी सिखाई जाएंगी.

राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के सहयोग से इसी महीने की 15 तारीख से महानगर के अलावा राज्य के तमाम सब-डिवीजनों में घरेलू नौकरानियों को तीन दिनों तक प्रशिक्षण देने का फैसला किया है. इस कार्यक्रम का मकसद नौकरानियों की दक्षता बढ़ाना है ताकि उनकी आय बढ़ सके. राज्य के श्रम मंत्री पूर्णेंदु बोस कहते हैं, "इस प्रशिक्षण का मकसद यह है कि वह घरों में और ज्यादा मुस्तैदी से काम कर सकें और बेहतर आचार-व्यवहार सीख सकें. इससे उनकी काम करने की क्षमता भी बढ़ेगी.'

पूरी ट्रेनिंग

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दोपहर बाद आयोजित होगा क्योंकि ज्यादातर कामवालियां सुबह और शाम को काफी व्यस्त रहती हैं. तीन दिनों तक रोजाना चार-चार घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके एवज में उनको रोजाना सौ रुपए मिलेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाली महिलाओं को एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि जो महिलाएं गांवों से शहर में कामकाज की तलाश में आ रही हैं और बर्तन मांजने, झाड़ू पोंछा लगाने और अन्य घरेलू काम करने को इच्छुक हैं उन्हें उनके काम में विशेषज्ञ बनाया जाए. इस प्रशिक्षण में यह भी बताया जाएगा कि सामाजिक सुरक्षा उन्हें कैसे मिल सकती है और विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ वह कैसे उठा सकती हैं. आंकड़े बताते हैं कि शहरी इलाकों में 95 प्रतिशत घरेलू कामकाज नौकरानियां ही करती हैं. पुरुष नौकरों की संख्या सिर्फ पांच प्रतिशत ही है.

अच्छा वेतन

श्रम मंत्री पूर्णेंदु बोस ने कहा, ‘कई अशिक्षित महिलाओं के लिए नौकरानी का काम ही आमदनी का जरिया है. लेकिन उन्हें पर्याप्त वेतन नहीं मिलता. इस कार्यक्रम के जरिए उनको दक्ष बनाया जाएगा ताकि वह बेहतर वेतन पा सकें. प्रशिक्षण के बाद यह महिलाएं अच्छी नौकरियां पा जाती हैं.' बसु कहते हैं कि उन्हें यह भी बताया जाएगा कि बैंक खाता कैसे खोलते और चलाते हैं. इससे वह बचत खातों के जरिए अपने भविष्य के लिए कुछ पूंजी बचा सकती हैं.

तीन दिनों के इस प्रशिक्षण की रूपरेखा तय करने वाले अधिकारियों का कहना है कि इसके दौरान इन नौकरानियों को सफाई के फायदे बताए जाएंगे. इसके अलावा बच्चों की देख-रेख करने और किसी का फोन आने पर बात करने का सलीका भी सिखाया जाएगा. नौकरानियों को यह भी बताया जाएगा कि टीवी और डीवीडी कैसे चलाया जाता है. उनको एसी मशीन का रिमोट चलाने की भी जानकारी दी जाएगी.

साफ-सफाई के अलावा गीजर और बिजली के मेन स्विच के बारे में भी जानकारी दी जाएगी ताकि आपात स्थिति में वे इसे बंद कर सकें.

बेहतरी की उम्मीद

श्रम मंत्री कहते हैं, ‘महानगरों में कामकाजी दंपती की तादाद लगातार बढ़ रही है. ऐसे में घरेलू नौकरानियों घर में दिन भर बच्चों के साथ रहती हैं. उनको इन उपकरणों के बारे में जानकारी होने पर कई हादसों से बचा जा सकता है.' वह कहते हैं कि होटलों में काम करने वाले प्रशिक्षित कर्मचारियों की तर्ज पर होने वाले इस प्रशिक्षण में नौकरानियों को सभ्य समाज के तौर-तरीकों के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे ऐसी महिलाएं मेहमानों के साथ बेहतर सलीके से पेश आ सकती हैं. इसका असर उनकी कमाई पर भी पड़ेगा. लोग बिजली के उपकरणों के बारे में जानकारी रखने वाली महिला को काम पर रखते समय ज्यादा वेतन देने में नहीं हिचकेंगे.

सरकार की इस पहल से आम लोग बेहद खुश हैं. एक निजी कंपनी में काम करने वाली सुष्मिता सान्याल कहती हैं, ‘यह काम तो बहुत पहले होना चाहिए था. लेकिन देर आयद दुरुस्त आयद. प्रशिक्षित नौकरानी के पास बच्चे को छोड़ कर जाने पर कोई चिंता नहीं रहेगी.' सुष्मिता ने अपनी नौकरानी को इस प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए तीन दिनों की छुट्टी दे दी है. दूसरी ओर, नौकरानियों में भी इसके प्रति काफी उत्साह है. दो घरों में घरेलू नौकरानी के तौर पर काम करने वाली छाया कहती है, ‘यह तो बहुत अच्छा है. सरकार हमें सिखाएगी और पैसे भी देगी. यह काम सीख लेने पर हमें ज्यादा पैसे मिल सकते हैं.' वह अपने पड़ोस की तीन अन्य महिलाओं के साथ इस प्रशिक्षण का इंतजार कर रही है.

रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः आभा मोंढे

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