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बमों से पटा समंदर

५ नवम्बर २०१५

जर्मनी उत्तरी सागर में पवन ऊर्जा पार्क बनाना चाहता है ताकि स्वच्छ ऊर्जा मिल सके. लेकिन वहां समंदर बारूद और विस्फोटकों से भरा पड़ा है. ये बम पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के हैं.

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60. Jahrestag Rückgabe Helgoland
तस्वीर: picture-alliance/dpa

उत्तरी सागर में हुकजील के तट से जरा आगे लगी अकेली पवनचक्की. यह जर्मनी के परंपरागत ऊर्जा से अक्षय ऊर्जा की तरफ बढ़ने का प्रतीक है. कुछ किलोमीटर आगे बढ़ें तो समंदर में खड़ी कई पवनचक्कियां इसकी गवाही देती हैं. विंडमिल पार्क. इन्हें सीविंड कहा जाता है, इनसे हर साल तीन लाख घरों को बिजली मिलती है.

पानी के नीचे खतरा

लेकिन समंदर में इतना बड़ा विंडपार्क लगाने से पहले खास जहाजों के जरिये समंदर के तल की टोह लेनी पड़ती है. हर दिन सुबह अगर मौसम ठीक हुआ तभी एक टास्क फोर्स खास जहाज से नॉर्थ सी पहुंचती है. मिशन है, नॉर्थ सी को सुरक्षित बनाना. सागर का बड़ा हिस्सा पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के टारपीडो, समुद्री सुरंगों और बमों से भरा पड़ा है.

सी टेरा ऑर्डेनेंस क्लीयरिंग सर्विस के डीटर गुलडिन के मुताबिक, "पता चल चुकी डंपसाइट्स बहुत ही बड़ी हैं. नॉर्थ सी में ही 10 लाख टन बारूद पड़ा है. कुछ जगहों पर तो असलहा डंपिंग साइट पर जस का तस फेंका गया. वापसी के समय लड़ाकू विमानों ने तेल बचाने के लिए बम गिराये ताकि वजन कम हो सके."

Windpark Nordsee Ost
नॉर्थ सी में विंड पार्कतस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Charisius

विश्वयुद्ध के बम

युद्ध के बाद मित्र देशों ने जो गोला बारूद कब्जे में किया उसे भी नॉर्थ और बाल्टिक सी में फेंका गया. और कई दशकों से यह वहीं पड़ा है. वक्त के साथ खारे पानी ने धातु के खोल को गला दिया. ऐसे में समंदर के अंदर कभी भी धमाके हो सकते हैं. अब अंडरवॉटर रोबोट असलहे की खोज कर रहे हैं. हालांकि बम अपने आप नहीं के बराबर फटते हैं, लेकिन अगर एसिड बने और केमिकल प्रोसेस हो जाए तो बम फट सकते हैं.

दमकल कर्मचारियों और भूविज्ञानियों की अपनी टीम के साथ कंट्रोल रूम में डीटर गुलडिन, रोबोट की खोज पर नजर रखते हैं, "हमें अक्सर खास ढंग से तसदीक करनी होती है. मतलब कि यह किस तरह का ग्रेनेड है, किस तरह की समुद्री सुरंग है. फिर तय करना होता है कि क्या इसे ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. क्या इस ऑब्जेक्ट को हटाया जा सकता है. क्या हम इसे केबल रूट से निकाल सकते हैं या फिर वहीं इसमें एक नियंत्रित धमाका करना होगा."

60. Jahrestag Rückgabe Helgoland
नॉर्थ सी पर बसा हेल्गोलैंड द्वीपतस्वीर: picture-alliance/dpa

क्यों है जोखिम

रोबोट से मिले सुरागों को पुख्ता करने के लिए एक गोताखोर को भेजा जा रहा है. ये एक्सपर्ट जोखिम भरा काम करते हैं. वे बमों को निष्क्रिय करते हैं. इस काम में गलती करने का मतलब है जान जोखिम में डालना. समुद्री सुरंग में गोताखोर को बेहद चौंकन्ना रहना होगा. अचानक या बेतरतीब मूवमेंट से बचना होगा. कांपते हाथ भी जानलेवा हो सकते हैं. गोताखोर हाइको वीएलके को इसमें डर नहीं लगता. वे कहते है, "डर बहुत बुरा साथी है. अगर आपको बारूद से डर लगता है तो आपको इस क्षेत्र में काम नहीं करना चाहिए."

लेकिन विस्फोटक खोज लेना ही पूरा काम नहीं है. स्पेशल यूनिट को उस तक पहुंचना होता है और बम को निष्क्रिय करना पड़ता है. विस्फोटक बहकर तटों तक भी पहुंच सकते हैं. विस्फोटक कभी सैलानियों और ग्रुप में आने वाले हाइकर्स को भी मिलते हैं. ऐसे में टूर गाइड विस्फोटक की सूचना देता है.

धमाकों की आलोचना

अगर बम डिफ्यूज नहीं होता तो उसे नियंत्रित धमाके से खत्म किया जाता है. अगर विस्फोटकों को ट्रांसपोर्ट न किया जा सके तो उन्हें पानी के भीतर ही फोड़ दिया जाता है. लेकिन प्रकृति प्रेमी इसकी आलोचना करते हैं. पानी के भीतर धमाके से सील और अन्य समुद्री जीवों को खतरा होता है. जर्मनी के प्रकृति संरक्षण संघ के यान शूरिंग्स, "शुक्र है कि डायनामाइट फिशिंग पर प्रतिबंध लग चुका है. उसके चलते पानी के भीतर धमाका किया जाता था और मछलियां मारी जाती थीं. समुद्री जीव अपने आस पास के पानी में होने वाली हलचल और उसके कंपन को भांप लेते हैं. इसकी मदद से वे अपना रास्ता तलाशते हैं. धमाके से बहुत ही तेज आवाज होती है. इससे पैदा होने वाले दबाव से मछलियां मर सकती हैं."

बाधा बना अतीत

विंड पार्क लगाने वाली एनर्जी कंपनियों की टीमें पर्यावरण संबंधी चिंताओं से वाकिफ हैं. लेकिन वे जानती हैं कि नॉर्थ सी से विस्फोटक साफ करना प्राथमिकता है. विस्फोटकों से समुद्री परिवहन और जीवन को तो नुकसान है ही, साथ ही विंड पार्क के निर्माण में भी इससे देरी हो रही है. लेकिन हर एक बम को निष्क्रिय करना, टास्क फोर्स भी जानती है कि यह 100 फीसदी मुमकिन नहीं. डीटर गुलडिन के मुताबिक इसमें बहुत लंबा समय और अथाह पैसा लगेगा, "नॉर्थ सी से सारे विस्फोटक को हटाना, यह ऐसा काम है जिसमें अगे 10 से 20 साल लग सकते हैं. तटीय इलाके को सुरक्षित बनाने में करोड़ों का खर्च आएगा. वो भी सिर्फ नॉर्थ सी और बाल्टिक सी के इलाके को."

नॉर्थ सी और बाल्टिक सी में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एक लाख टन से ज्यादा विस्फोटक और बेहद घातक रसायन डुबोये गए. अतीत के ये जख्म आज भी हरे हैं.

ओएसजे/आईबी