समुद्र पर जर्मनी का पहला पवन पार्क
२८ अप्रैल २०१०जर्मन समुद्र तट से 45 किलोमीटर दूर स्थित पवन चक्की पार्क परियोजन अल्फ़ा वेन्टुस को जर्मन पर्यावरण मंत्री नॉर्बर्ट रौएटगेन ने मंगलवार को बटन दबाकर शुरू किया. यह एक पायलट परियोजना है लेकिन लक्ष्य 2030 तक समुद्र पर स्थित पवन चक्की पार्कों में 25 हज़ार मेगावाट बिजली का उत्पादन है. पवन पार्क का उद्घाटन करते हुए रौएटगेन ने कहा है, "पवन ऊर्जा का उपयोग भविष्य के ऊर्जा मिक्स में केंद्रीय भूमिका निभाएगा."
12 पवनचक्कियों वाले इस पार्क को बनाने में 25 करोड़ यूरो का ख़र्च आया है. ख़राब मौसम और समुद्र के बीचोंबीच पवनचक्की लगाने की मुश्किलों के कारण परियोजना को पूरा करने में महीनों की देर हुई और 6 करोड़ यूरो का अतिरिक्त ख़र्च आया. 30 मीटर गहरे पानी में पवनचक्कियों का लगाना उतना आसान नहीं साबित हुआ जितना निवेशकों ने सोचा था.
बिजली कंपनियों ईडब्ल्यूई, इऑन और फ़ाटेनफ़ाल ने 2006 में इस परियोजना के लिए एक संयुक्त उद्यम डोटी का गठन किया था. इस परियोजना के अनुभवों का लाभ उठाकर ये कंपनियां अलग अलग बीच समुद्र में पवनऊर्जा का उत्पादन करना चाहती हैं. जर्मन पर्यावरण मंत्री रौएटगेन का कहना है, "हमारे यहां बिजली आपूर्ति में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा 16 प्रतिशत है, व्यावहारिक रूप से बिना ऑफ़शोर पवन ऊर्जा के बिना, और वह नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार का बड़ा पाया होगा."
ख़ासकर जर्मन पवन ऊर्जा उद्योग भी तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण ऑफ़शोर क्षेत्र में कारोबार की महत्वपूर्ण संभावनाएं देखता है. उत्तरी और बाल्टिक सागर में कुल 29 पवन पार्कों को लाइसेंस दिया गया है जिनमें 1894 पवन चक्कियां लगाई जाएंगी. इस समय दो परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिनमें 'बार्ड ऑफ़शोर 1' में 80 टरबाइन लगाए जा रहे हैं और बाल्टिक सागर में स्थित द्वीप डार्श के निकट 'बाल्टिक 1' में 21 पवन चक्कियां लगेंगी.
बाल्टिक 1 पहला पवन पार्क है जो जर्मन समुद्र तट के निकट स्थित होगा. 7 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 67 मीटर ऊंचे खंभों और 93 मीटर व्यास की चक्कियों वाली पवन चक्कियां 2010 से बिजली का उत्पादन शुरू करेंगी. इसका संचालन करने वाली कपंनी ने कहा है कि साल में उत्पादित बिजली से 50 हज़ार घरों को बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़