समंदर के राजा का शिकार
1986 में लगाई गई रोक के मुताबिक व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए व्हेलों को नहीं मारा जा सकता था. लेकिन जापान से जैसे कुछ देश इसके शिकार से बाज नहीं आ रहे थे. द हेग में यूएन की अदालत ने 31.03.2014 को इस पर रोक लगा दी.
राजा का शिकार
नॉर्वे, आइसलैंड और जापान 1986 की रोक के बावजूद व्हेल मछलियों का शिकार कर रहे थे. जापान की दलील थी कि वो वैज्ञानिक शोध के लिए इनका शिकार कर रहे थे. लेकिन अब जापान को इस पर रोक लगानी होगी.
द हेग का फैसला
20 साल तक ऑस्ट्रेलिया जापान के व्हेल प्रोग्राम को कूटनीतिक तरीके से हल करने की कोशिश कर रहे थे. फिर उन्होंने द हेग की अदालत में मुकदमा दायर किया. द हेग ने फैसला दिया कि अंटार्कटिक के आसपास समुद्र में जापान पूरी तरह शिकार रोक दे.
खतरे में व्हेल
1986 की रोक के बाद कई प्रजातियां बच गई लेकिन ब्लू, फिन, सेई, सदर्न राइट और स्पर्म व्हेल फिर भी खतरे में हैं और कुछ तो विलुप्त होने के कगार पर हैं. व्हेल स्तनपायी जीव होते हैं. ये 33 मीटर लंबी 190 टन भारी हो सकती हैं और धरती का सबसे बड़ा जीव हैं.
जापान में शिकार
अधिकारिक तौर पर तो जापान शोध के लिए व्हेलों का शिकार करता है लेकिन बाद में इसका मांस मछली बाजार और कई रेस्तरां में बेचा जाता है. जापान का व्हेल रिसर्च संस्थान 1986 के मोरेटिरयम के ठीक एक साल बाद बना था.
जापानी परंपरा
जापान में लंबे समय से व्हेल मछली खाई जाती है. ये परंपरा दूसरे विश्व युद्ध के बाद शुरू हुई क्योंकि जनता के पास इनके अलावा खाने के लिए कुछ नहीं था. लेकिन अब जापान में मिलने वाले मांस का केवल एक फीसदी ही व्हेल से आता है.
कुत्ते का खाना
जापान के फ्रीजरों में 7,000 टन व्हेल का मांस इकट्ठा हो जाता है. फिन व्हेल के लिए खरीदार नहीं मिलने पर जापान की एक कंपनी ने इसे कुत्ते के खाने में मिला दिया. हालांकि अब कंपनी ने इसे बाजार से वापिस ले लिया है.
व्हेल शिकार के पक्ष में
कई जापानी व्हेल के शिकार का समर्थन करते हैं. सरकार अपने खर्चे पर ये काम करती है. 25 साल में व्हेल के शिकार पर करीब 6 करोड़ 30 लाख यूरो की सब्सिडी दी गई.
इकलौता मामला नहीं
आइसलैंड और नॉर्वे अभी भी व्हेल का शिकार कर रहे हैं. उन्होंने रोक के खिलाफ अपील की और वह खुद को इसके लिए प्रतिबद्ध नहीं मानते.
शिकार की अनुमति
रूस के चुकशी या कनाडा के इनुइट आदिवासियों को व्हेल का शिकार करने की अनुमति है, बशर्ते वो इसका व्यापार नहीं करें. व्हेल पकड़ने की परंपरा यहां सदियों पुरानी है. वे इस पर खाने, तेल और हड्डियों के लिए निर्भर हैं.
व्हेल वॉचिंग
कई देश जो पहले व्हेल का शिकार करते थे अब व्हेल की निगरानी या पर्यटकों को व्हेल के बारे में जानकारी देते हैं. जापान और नॉर्वे में भी ये परंपरा शुरू हुई है. अब कई जापानी व्हेल खाना पसंद नहीं करते.