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१७ जनवरी २०११

केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर के पास मची भगदड़ को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा हैं. सरकार पर कड़ी नाराजगी जताते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि कई सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी है. भगदड़ में 102 लोगों की मौत हुई.

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इसी जगह पर मची भगदड़तस्वीर: AP

कड़ा रुख अपनाते हुए हाई कोर्ट ने केरल सरकार और केरल पुलिस से भगदड़ की रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने मंदिर प्रशासन और वन विभाग को भी तलब किया हैं. वन विभाग ने राज्य सरकार को हादसे से पहले ही बता दिया था कि लोगों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने में मुश्किल होगी.

बीते शुक्रवार को सबरीमाला मंदिर की यात्रा के लिए पुल्लुमेदु में करीब तीन लाख श्रद्धालु थे. इतनी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां कुछ ही पुलिसकर्मी और डॉक्टर तैनात थे. हाई कोर्ट ने इस बात को संज्ञान में लिया है कि भगदड़ वाली जगह पर सरकारी इंतजाम इतने बुरे क्यों थे. घटनास्थल तक बढ़िया संपर्क सड़क नहीं थी. इसके वाबजूद वहां वाहन चल रहे थे. 1999 में पम्पा में मची भगदड़ में 52 लोग मारे गए थे. उस हादसे की न्यायिक जांच में सबरीमाला मंदिर के पुल्लुमेदु रूट के विकास की भी सिफारिश की गई थी. लेकिन 12 साल बाद भी न्यायिक जांच की सिफारिशों पर पूरा अमल नहीं किया गया.

बीते हफ्ते मकर संक्राति के दिन केरल के मशहूर सबरीमाला मंदिर के पास भगदड़ मच गई. पुलिस के मुताबिक श्रद्धालुओं से भरी एक जीप अनियंत्रित होकर पैदल यात्रा कर रहे लोगों की तरफ जा घुसी. इसकी वजह से मौके पर भगदड़ मच गई और देखते ही देखते 102 लोगों की मौत हो गई. 50 घायलों में कुछ का अब तक इलाज चल रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार