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किसान आंदोलन के भविष्य को लेकर चिंताएं

चारु कार्तिकेय
२७ जनवरी २०२१

दिल्ली में किसान परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन के भविष्य को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. किसान अब एक फरवरी को संसद तक पदयात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का रुख अब कड़ा होने की आशंका है.

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Indien Tag der Republik | Landwirte Protest
तस्वीर: Altaf Qadri/AP/picture alliance

मंगलवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में हुई हिंसा के बाद किसान वापस शहर की सीमाओं पर लौट तो गए, लेकिन किसान परेड के दौरान जो घटनाएं हुईं उनका असर अभी भी बरकरार है. दिल्ली में जगह जगह पर पुलिस की नाकेबंदी है जिसकी वजह से कई स्थानों पर लंबे ट्रैफिक जैम लगे हुए हैं. सीमाओं पर तो इंटरनेट पूरी तरह से बंद कर ही दिया गया है, शहर के कई इलाकों में भी इंटरनेट कई जगह बंद है तो कई जगह सीमित रूप से चालू है.

मंगलवार की घटनाओं को लेकर दिल्ली पुलिस ने कम से काम 20 एफआईआर दर्ज की हैं. मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि अलग अलग घटनाओं में एक किसान की मौत हो गई, कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए और कई वाहनों को नुक्सान पहुंचा. 23 वर्षीय नवरीत सिंह की दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर ट्रैक्टर पलटने के बाद मौत हो गई.

किसान संयुक्त मोर्चा ने मंगलवार शाम को ही अपने आप को किसान परेड के दौरान हुई सभी अप्रिय घटनाओं से अलग कर लिया था. मोर्चा ने एक बयान जारी कर किसान परेड के अनुशासन को तोड़ने वाली हर घटना की निंदा की और किसानों की रैली को खत्म कर दिया. मोर्चा का कहना था कि कुछ असामाजिक तत्त्व रैली में घुस आए थे और उन्होंने ही घटनाओं को अंजाम दिया.

मोर्चा ने सभी किसानों को वापस दिल्ली की सीमाओं पर बुला लिया और कहा कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा. उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को मोर्चा के नेता आने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देंगे. दिल्ली पुलिस भी एक समाचार वार्ता में कुछ घोषणांए कर सकती है. मंगलवार की घटनाओं की लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने भी निंदा की है.

इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और बीएसपी अध्यक्ष मायावती शामिल हैं. इस बीच किसान आंदोलन के आगे के कार्यक्रम को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं. एक फरवरी को किसानों की संसद भवन तक पदयात्रा निकालने की योजना है, लेकिन देखना होगा कि 26 जनवरी की घटनाओं को देखते हुए दिल्ली पुलिस इस पदयात्रा की इजाजत देगी या नहीं.

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