सपना टूट गया
ब्राजील का वर्ल्ड कप का सपना सेमीफाइनल में चकनाचूर हो गया. 2006 में जो हाल जर्मन फैंस का हुआ था वही अब ब्राजील को सहना पड़ रहा है. बुरी हार से फैंस न केवल दुखी हैं बल्कि बुरी तरह गुस्साए हुए भी हैं.
मेजबान का दुस्वप्न
सेमीफाइनल में जर्मनी ने ब्राजील को 7-1 से रौंद दिया. पहले गोल के बाद डगमगाई ब्राजील की टीम संभल ही नहीं सकी. और फैंस का दुख आंसुओं में बह निकला.
बड़ी उम्मीद का भारी दबाव
ब्राजील के कप्तान डाविड लुइस घायल सुपरस्टार नेमार की जर्सी हाथ में लिए हुए. शुरुआती मिनटों में ब्राजील के फैंस टीम का उत्साह बढ़ा रहे थे.
पहला झटका
बेलो होरिजोन्टे के फैंस के लिए पहले गोल का झटका बहुत जल्दी आया. मुलर के पहले गोल से टीम जो हिली.. वो एक के बाद एक गलतियां करती गई. फैंस टीम की ये हालत नहीं झेल सके.
क्या करें
पहले गोल से चौथे गोल के बीच का अंतर सिर्फ कुछ मिनटों का था. 20 और 30 मिनट के खेल के दौरान चार गोल हो हए और इसने खेल का नतीजा तय कर दिया.
पूरा देश स्तब्ध
ब्राजील के झंडे पर अनुशासन और प्रगति लिखा है लेकिन मैच के दौरान इन दोनों में से कुछ नहीं दिखा. सारी दुनिया की नजरें ब्राजील पर थीं और देश सहित पूरी दुनिया के ब्राजीली प्रशंसक हताश हैं.
बेहाल कोच
लंबे कोचिंग अनुभव के बावजूद इस सेमीफाइनल को ब्राजील के कोच लुइस फेलिपे स्कोलारी भी नहीं देख सके. टीम बहुत सारी गलतियों के कारण हार गई.
सबसे बुरी हार
ब्राजील के लोग फुटबॉल के दीवाने हैं. टीम की इतनी बुरी हार इससे पहले कभी नहीं हुई थी. हार के बाद कई फैंस स्टेडियम फूट फूट कर रो पड़े.
आगजनी
इस हार से साओ पाओलो में फैंस इतने गुस्साए कि उन्होंने 23 बसों को फूंक दिया.