सत्संग कराएंगे भारत में जर्मन राजदूत
२६ नवम्बर २०१४मिषाएल श्टाइनर ने कई बार खुल कर कहा है कि सरकार को केंद्रीय विद्यालयों में जर्मन भाषा को दोबारा किसी तरह लाने पर गौर करना चाहिए. माना जा रहा है कि जर्मन भाषा के मुद्दे के चलते ही ईरानी को श्टाइनर का निमंत्रण गया है. हालांकि जब श्टाइनर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्कूलों का विवाद शुरू होने से पहले ही वे सत्संग कराने का फैसला ले चुके थे और कई मंत्रियों को बुलाने का मन भी बना चुके थे, "मेरी पत्नी और मैंने तो सरकार बनने से भी पहले यह फैसला ले लिया था."
हाल ही में स्मृति ईरानी के ज्योतिष के पास जाने की खबरें सुर्खियों में रहीं. ऐसे में उन्हें एक धार्मिक उत्सव में बुलाने को जानकार महज इत्तेफाक नहीं मान रहे. शुक्रवार को होने वाले इस सत्संग के बारे में जब श्टाइनर से पूछा गया कि क्या आरएसएस के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है, तो उन्होंने कहा कि मेहमानों की गिन कर सूची नहीं बनाई गयी है, सभी नेता आमंत्रित हैं.
यह सत्संग श्री श्री रविशंकर की उपस्तिथि में होगा. दूतावास द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि श्री श्री अलग अलग संस्कृतियों को साथ लाने पर बात करेंगे और यूरोप और भारत के लोगों के बीच विश्वास को गहरा करने पर चर्चा करेंगे.
श्टाइनर को संस्कृत की पैरवी करने वालों में गिना जाना जाता है. लेकिन स्कूलों में जर्मन की जगह संस्कृत पढ़ाने को लेकर वे अपनी निराशा व्यक्त करते रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस समस्या का कोई हल निकलता नजर आता है, तो उन्होंने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि देश के कानून के अनुरूप कोई "व्यावहारिक और अच्छा उपाय" जरूर निकल सकेगा.
आईबी/एसएफ (पीटीआई)