सजने लगा ईद का बाजार
९ जुलाई २०१५दोपहर को गर्मी से बचते हुए लोग शाम को और देर रात तक खरीदारी कर रहे हैं. ईद में बमुश्किल हफ्ता भर बाकी रह गया है. खरीदारी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. महिलाएं हों या पुरुष कपड़ों की दुकान पर पसंदीदा कपड़े और रंग के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. ग्राहकों की पसंद को देखते हुए दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा ली हैं. सेवइयां जहां मिठास घोलने के लिए तैयार है, वहीं एक से बढ़कर एक खुशबूदार इत्र बाजार में पहुंच गए हैं. भले ही बाजार में ब्रांडेड परफ्यूम मौजूद हों, लेकिन रोजेदारों की पहली पसंद अभी भी देसी इत्र ही है.
इत्र का कारोबार करने वाले सलमान अहमद कहना है कि वह पिछले 20 साल से इस व्यवसाय में हैं. ईद
के मौके पर उनकी बिक्री बढ़ जाती है. सलमान अहमद ने बताया कि इन दिनों ब्रांडेड कंपनियों के
परफ्यूम के मुकाबले देसी इत्र की मांग ज्यादा है. अरब देशों में बिकने वाले इत्र की भी खूब मांग है. ऐसे
में वहां से माल मंगाया जा रहा है. देसी इत्र में केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता, यही कारण है कि
इनकी मांग ज्यादा होती है. बाजार में 100 से 1500 रुपए प्रति 10 एमएल की कीमत का इत्र मौजूद है.
ईद के लिए सेवइयां तैयार कर रहे हलवाई राजाराम की दुकान 30 साल से भी अधिक पुरानी है. ईद के
दिनों में यहां सबसे अधिक सेवइयां ही तैयार की जाती है. इसकी कीमत 100 से 400 रुपए प्रति किलो है.
शीर, खुरमा और किमामी सेवइंयों के लिए अच्छी सेवइंया और मेवों की भी जरूरत होती है. इसीलिए
सेवइंयों और मेवों की बिक्री भी हो रही है.
ईद को देखते हुए बाजार में तरह-तरह की टोपियां भी सज गई है. धागे और कपड़े से बनी टोपियों के
अलावा इन दिनों लकड़ी की बनी टोपियों की भी मांग है. हाथ का बारीक काम होने की वजह से
बांग्लादेश से आई टोपियों के अलावा इंडोनेशिया और चीन निर्मित टोपियों को भी इस बार लोगों द्वारा
खासा पसंद किया जा रहा है. इनकी कीमत 10 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है. टोपी के अलावा बुर्के की
डिमांड भी बढ़ी है. ईद के बाजार में कढ़ाई के बुर्के महिलाओं की पहली पसंद बने हुए हैं. अलबत्ता,
कास्मेटिक और चूड़ियों की दुकानें अभी सूनी पड़ी हैं. उन्हें ग्राहकों का इंतजार है. यहां चांद रात या ईद
से
एक-दो दिन पहले ही ग्राहक पहुंचेंगे.
एमजे/आईबी (वार्ता)