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संजय दत्त को पांच साल की जेल

२१ मार्च २०१३

1993 के मुंबई धमाकों के केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. अदालत ने मशहूर बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को पांच साल कैद की सजा सुनाई. डेढ़ साल की सजा काट चुके संजय को अब जेल में और साढ़े तीन साल बिताने होंगे.

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तस्वीर: picture alliance/AP Photo

सबूतों के आधार पर टाडा कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने 100 दोषियों पर फैसला सुनाया. 9एमएम पिस्तौल और एके-56 रखने वाले संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी माना गया और पांच साल की सजा सुनाई गई. धमाकों की सुनवाई करने के लिए बनाई गई विशेष टाडा अदालत ने संजय दत्त को छह साल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सजा को एक साल घटाकर पांच वर्ष कर दिया.

Indien Sanjay Dutt und Priya Dutt Archivbild 2012
सांसद बहन के साथतस्वीर: AFP/Getty Images

अदालत के फैसले के बाद संजय दत्त को चार हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा. संजय 18 महीने की सजा पहले ही काट चुके हैं. अब उन्हें 42 महीने और जेल में बिताने होंगे. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अपराध इतना गंभीर है कि संजय दत्त को सजा के दौरान प्रोबेशन पर भी नहीं छोड़ा जा सकता. इस दौरान संजय दत्त फिल्मों की शूटिंग में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संजय दत्त ने कहा, "यही है." उनके वकील सतीशमाने शिंदे के मुताबिक, "संजय दत्त ने मुझे बताया कि वह फैसले को स्वीकार करते हैं. साढ़े तीन साल बहुत लंबा समय नहीं है. हम इसके लिए शुरू से तैयार थे. संजय दत्त मजबूत व्यक्ति है और वो अपने लिए लड़ेंगे."

Indien Politiker Amar Singh und Sanjay Dutt
राजनीति की कोशिशतस्वीर: UNI

मुंबई में 12 मार्च 1993 को सिलसिलेवार ढंग से 13 बम धमाके हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, नरीमन प्वाइंट, सेंचुरी बाजार, होटल सी रॉक और जुहू सेंटॉर में हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए और 713 लोग घायल हुए. मामले की सुनवाई के लिए टाडा विशेष अदालत बनाई गई. विशेष अदालत ने संजय दत्त को आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया, लेकिन उन्हें आर्म्स एक्ट का दोषी माना गया.

अदालत ने गिरफ्त में आए याकूब मेनन की फांसी की सजा बरकरार रखी है. याकूब मेनन धमाकों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के लिए पैसे जुटाने का दोषी है. धमाकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 27 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. सभी को चार हफ्ते में आत्मसमर्पण करना होगा. सर्वोच्च अदालत ने 10 दोषियों की मौत की सजा घटाकर उम्रकैद में बदल दी. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि साजिशकर्ताओं ने कुछ लोगों की गरीबी का फायदा उठाकर उन्हें साजिश से जुड़ने के लिए मजबूर किया.

ओएसजे/एमजे (एपी, पीटीआई)

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