श्टुटगार्ट जर्मन कप के फाइनल में
१८ अप्रैल २०१३बुधवार को घरेलू मैदान पर हुए मैच में श्टुटगार्ट ने फ्राइबुर्ग को 2-1 से हराया. श्वेबियन टीम के लिए आर्थर बोका ने 9वें मिनट में और मार्टिन हार्निक ने 28वें मिनट में गोल किया. पहली जून के बर्लिन के ओलंपिया स्टेडियम में होने वाले फाइनल में अब उसका मुकाबला म्यूनिख से होगा जिसने एक दिन पहले वोल्फ्सबुर्ग को 6-1 से रौंद दिया था. बुंडेसलीगा चैंपियन के रूप में बायर्न म्यूनिख पहले ही यूरोपीय चैंपियंस लीग के क्वालिफाई कर गया है. इसलिए फाइनल का कुछ भी नतीजा हो, श्टुटगार्ट की टीम यूरोपा लीग में खेलेगी.
59,000 दर्शकों से भरे स्टेडियम में यान रोजेनथाल ने फ्राइबुर्ग के लिए 14वें मिनट में गोल किया, लेकिन टीम ने सुरक्षा पंक्ति में कमजोरियां दिखाईं. बुंडेसलीगा में वह इस समय पांचवें स्थान पर है और यूरोपीय स्तर पर खेलने की उसकी संभावना बनी हुई है.
जीत के बाद श्टुटगार्ट के कोच ब्रूनो लबाडिया ने राहत की सांस ली, "कुल मिलाकर यह रोमांचक संघर्ष था. मुझे खुशी है कि हम सौभाग्यशाली विजेता हैं. हमने आज बहुत कुछ ठीकठाक किया." श्टुटगार्ट के खेल निदेशक फ्रेडी बोबिच ने जीत पर अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा, "यह जीत मेरे लिए बहुत मायने रखती है." इसके विपरीत फ्राइबुर्ग के रोजेनथाल ने कहा, "हमने पर्याप्त हिम्मत नहीं दिखाई. अब हमें यह बुंडेसलीगा में करना होगा." और माक्स क्रूजे ने अफसोस जताते हुए कहा, "आज अंतिम पांच छह प्रतिशत की कमी रह गई."
स्टेडियम में और स्टेडियम के बाहर अपने टेलीविजन सेटों के सामने बैठे फुटबॉल प्रेमियों के लिए जर्मन कप का सेमीफाइनल अत्यंत रोमांचक रहा. पिछले महीनों में सामान्य प्रदर्शन करने वाली श्टुटगार्ट की टीम पहचानी नहीं जा रही थी. उन्हें यूरोप में खेलने की संभावना बचाने के लिए अच्छा प्रदर्शन करना था और उन्होंने इस मौके को गंवाया नहीं. पहले मिनट से ही उन्होंने आक्रामक खेल खेला और हार्निक के गंवाए गए मौकों के बावजूद गति और लय टूटने नहीं दी.
शुरू में लगा कि श्टुटगार्ट के खिलाड़ियों ने फ्राइबुर्ग को पस्त कर डाला है, लेकिन फ्राइबुर्ग के खिलाड़ी इस स्थिति से जल्दी ही उबरे और उन्होंने श्टुटगार्ट को कड़ी टक्कर दी. रोमांचक खेल में फ्राइबुर्ग के पावेल क्रामास ने 53वें मिनट में मैच के समय से पहले फैसला होने से रोक दिया. मथियास गिंटर और उलरिष ने भी स्कोर बराबर करने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.
खेल के अंतिम दौर में क्रिस्टियान श्ट्राइष की टीम ने सारा जोर मैच को बराबर करने और इस तरह फैसले को पेनाल्टी में ले जाने पर लगाया, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
एमजे/एजेए (डीपीए)