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शरणार्थियों से निपटने स्लोवेनिया पहुंचेगी जर्मन पुलिस

२७ अक्टूबर २०१५

यूरोप में एक तरफ शरणार्थियों की मदद करने पर नई नई नीतियां बन रही हैं, तो दूसरी ओर देश शरणार्थियों को लेने से बच रहे हैं और ऐसा कर वे 'बोझ' एक दूसरे पर डाल रहे हैं.

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Slowenien Flüchtlinge bei Sentilj
तस्वीर: Reuters/L. Foeger

हंगरी और क्रोएशिया की सीमा बंद होने के बाद स्लोवेनिया पर बोझ बढ़ गया है. स्लोवेनिया की मदद करने के लिए जर्मनी अपनी पुलिस को वहां भेज रहा है. जर्मन अखबार मिटलडॉयचे त्साइटुंग ने यह खबर छापी है. रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी के गृह मंत्रालय ने इस योजना की पुष्टि की है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, "जाहिर है कि हम (जर्मनी) इसमें शामिल होंगे."

इसके साथ ही अखबार ने जर्मन पुलिस संघ के अध्यक्ष यॉर्ग राडेक से भी बात की, जो सरकार की योजना से खुश नहीं नजर आए. राडेक का कहना है कि सरकार पुलिस की क्षमता की परीक्षा ले रही है. इससे पहले सितंबर में भी राडेक ने एक बयान में कहा था कि पुलिस "अपनी सीमा तक" पहुंच चुकी है और इससे ज्यादा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

इससे पहले रविवार को हुई यूरोपीय संघ और बाल्कान देशों की बैठक के बाद 17 बिंदुओं वाले एक समझौते पर सहमति बनी. बैठक के बाद यूरोपीय आयोग के प्रमुख जाँ क्लोद युंकर ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर 400 पुलिसकर्मियों को शरणार्थियों द्वारा लिए जाने वाले रास्ते पर तैनात किया जाएगा.

हंगरी ने क्रोएशिया से लगी अपनी सीमा पर बाढ़ लगाई, तो स्लोवेनिया में 70,000 शरणार्थी पहुंच गए. ये लोग जर्मनी और स्वीडन जाना चाहते हैं. स्लोवेनिया के लिए इनसे निपटना मुश्किल हो रहा है. इसी को देखते हुए जर्मनी ने अपनी पुलिस भेजने का फैसला लिया है. यूरोप में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और ऐसे में शरणार्थियों के लिए बेहतर सुविधाओं की जरूरत है. शून्य के नीचे जाते पारे में रात बिताना चुनौतीपूर्ण है.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट जारी की है कि इस महीने कम से कम 1,20,000 सीरियाई अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं. ये आंकड़े 5 से 22 अक्टूबर के बीच के हैं. सीरिया में चल रहा गृह युद्ध पांचवे साल में पहुंच चुका है और अब तक वहां 2,50,000 लोग मारे जा चुके हैं. देश की आधी आबादी दर बदर भटक रही है.

आईबी/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए)