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ईयू में शेंगेन पर गहराता खतरा

२६ जनवरी २०१६

यूरोपीय आयोग ने कहा है कि वह शेंगेन देशों को शरणार्थी समस्या से निबटने के लिए सीमा पर कंट्रोल की अनुमति दे सकता है. इस बीच डेनमार्क की संसद में शरणार्थियों से 1500 यूरो से ज्यादा की राशि जब्त करने पर बहस हो रही है.

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Portest von Amnesty International in Amsterdam gegen die EU Flüchtlingspolitik
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/P. Dejong

डेनमार्क में शरण लेने के इच्छुक लोगों को हतोत्साहित करने के लिए नए कानून के तहत पुलिस को शरणार्थियों से 1500 यूरो से ज्यादा की संपत्ति जब्त करने की अनुमति होगी ताकि उसका इस्तेमाल शरणार्थियों पर होने वाले खर्च के लिए किया जा सके. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के विरोध के बावजूद यह कानून डेनिश संसद में पास होने जा रहा है. इसके अलावा शरणार्थियों के परिवार के सदस्यों को डेनमार्क बुलाने के लिए भी अब तीन साल तक इंतजार करना पड़ेगा. डेनिश सरकार को उम्मीद है कि अफ्रीका और मध्य पूर्व के युद्ध प्रभावित इलाकों से भाग रहे शरणार्थी इन कड़े कानूनों के कारण डेनमार्क का रुख नहीं करेंगे.

पूरा यूरोप इस समय ऐतिहासिक शरणार्थी संकट से जूझ रहा है. जहां डेनमार्क में पिछले साल करीब 20,000 लोग शरण की तलाश में पहुंचे, वहीं स्वीडेन में 163,000 और पूरे यूरोप में शरणार्थियों की संख्या 11 लाख तक पहुंच गई.

स्वीडेन में एक शरणार्थी सेंटर के एक कर्मचारी पर शरणार्थी के जानलेवा हमले की घटना के बाद प्रधानमंत्री श्टेफान लोफ्वेन ने पुलिस की सुविधा बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया है. उनका मानना है कि देश में इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आ जाने से कानून व्यवस्था बनाए रखने में चुनौतियां पेश आ रही हैं.

उधर यूरोपीय आयोग शेंगेन के सदस्य देशों को दो साल तक के लिए अपनी सीमाओं के नियंत्रण की छूट देने पर विचार कर रहा है. सोमवार को एम्सटरडम में हुई बैठक में यूरोपीय संघ के गृह मंत्रियों ने इसकी संभावना के बारे में पूछा था. शेंगेन सिस्टम में लोगों को पासपोर्ट या बॉर्डर चेक के बिना 26 यूरोपीय देशों के बीच आने जाने की अनुमति है. हाल ही में शरणार्थी संकट के कारण जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्वीडेन, डेनमार्क और नॉर्वे ने अस्थाई बॉर्डर कंट्रोल लगा दिए हैं. गृह मंत्रियों ने राष्ट्रीय सीमाओं के नियंत्रण को फिलहाल लागू 6 महीने की सीमा से अधिक बढ़ाए जाने पर चर्चा की.

यूरोप पहुंचने के लिए ज्यादातर शरणार्थी तुर्की से ग्रीस आते हैं. यहां से वे बाल्कन देशों के रास्ते से होते हुए उत्तरी यूरोपीय देशों तक का सफर तय करते हैं. ग्रीस की जिम्मेदारी है कि वह तुर्की से लगी अपनी सीमाओं की रक्षा करे. लेकिन ग्रीस पर शेंगेन की बाहरी सीमा को बिना किसी जांच या रक्षा इंतजामों के छोड़ने का आरोप लग रहा है. कुछ सदस्य देशों ने तो इससे नाराज होकर ग्रीस को ही शेंगेन से बाहर करने की मांग कर डाली. हालांकि यूरोपीय आयोग ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया है.

एक पैन-यूरोपीय बॉर्डर बना कर यूरोप की बाहरी सीमा को सुरक्षित करने पर विचार चल रहा है. पिछले हफ्ते यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने चेतावनी दी थी कि अगर अगले दो महीने के भीतर शरणार्थी समस्या पर काबू नहीं पाया जाता है तो शेंगेन फेल हो जाएगा.

आरआर/एमजे (एएफपी,रॉयटर्स,डीपीए)