व्हेल के मांस का जापान करता क्या है
प्रोटीन के स्रोत के रूप में जापान में व्हेल के मांस की बड़ी मांग है. कई रेस्तरां व्हेल से मांस से बने कटलेट तो कई पतली कतली काटकर इसे कच्चा ही परोसते हैं. एक नजर इसके इतिहास पर.
प्रोटीनयुक्त आहार
जापान सरकार यह दावा करती है कि व्हेल का मांस खाना उनकी खाद्य संस्कृति का हिस्सा है. लेकिन व्हेल के मांस की खपत जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद काफी बढ़ी और 1960 के दौरान अपने चरम पर पहुंच गई. मांग तब तक बनी रही जब तक दूसरे प्रोटीन उत्पाद सस्ते में उपलब्ध नहीं हुए.
व्हेल हुई दूर
आंकड़े बताते हैं कि साल 1986 में जापान के व्यापारी संघ ने व्हेल की कीमतों को बढ़ाया. कीमतों में वृद्धि ने इस मांस को साधारण परिवारों और आम सुपरमार्केट से दूर कर दिया. बाजार में अन्य प्रोटीन वाला सामान मिलने लगा और व्हेल का इस्तेमाल ज्यादातर वैज्ञानिक रिसर्च में होने लगा.
तरह तरह के व्यंजन
जापान के कुछ रेस्तरां मालिक बताते हैं कि आम लोगों के लिए ये मानना मुश्किल है कि अब उन्हें व्हेल का मांस आसानी से नहीं मिलेगा. पारंपरिक व्यंजन मसलन व्हेल की चिकनाई के साथ सिरका और मीसो सॉस, व्हेल की जीभ के पतले-पतले कतले, व्हेल स्टेक, सोया सॉस में डूबा व्हेल का कच्चा मांस लोगों को बहुत पसंद आता है.
अगली पीढ़ी की चिंता
जापान के कुल मांस उत्पादन में व्हेल के मांस की 0.1 फीसदी हिस्सेदारी है. इसलिए समर्थक मानते हैं कि अगली पीढ़ी को इसे खाना चाहिए
हल्का मांस
जापान की एक बुजुर्ग महिला याचियो ने बताया, "जब आप मुंह में डालते हैं तो ये मांस है लेकिन जब ये आपके पेट में जाता है तो ये मछली जैसा है, जो बहुत हल्का होता है."
व्हेल से बना बर्गर
बीते कुछ सालों में कुछ रेस्तराओं ने व्हेल बर्गर भी अपने मैन्यू में शामिल किया है. बर्गर में मांस से बनी टिक्की को ब्रेड बन या चावल के बीच रखकर खाया जाता है. पसंद करने वाले कहते हैं कि व्हेल का मांस काफी कुछ बीफ जैसा लगता है. इसे खाने वाले मानते हैं कि व्हेल मीट का कार्बन फुटप्रिंट अन्य मांस के मुकाबले कम होता है.
खाने से सीखना
जापान के कुछ स्कूलों में व्हेल के मांस से बने व्यंजन लंच में सर्व किए जाते हैं. ये उन इलाकों के स्कूलों में भी होता है जो पारंपरिक व्हेलों के इलाके में नहीं आते. इसे परोसने वाले स्कूलों का मकसद बच्चों को ये बताना है कि पहले क्या खाया जाता था.
बच्चों का खास ध्यान
स्कूलों में व्हेल के फ्राई नगेट अकसर सोया-जिंजर सॉस या केचअप के साथ सर्व किए जाते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि व्हेल का मांस एक दुर्लभ चीज है ऐसे में बहुत सारा बच जाना भी अच्छा नहीं है. बच्चों को खास मौकों पर इसे सर्व किया जाता है इसलिए पूरा जोर इस बात पर होता है कि डिश ऐसे बनाई जाए जो बच्चों को पसंद आए.