व्हेलों के शिकार को तैयार जापान
व्हेलों के शिकार पर 1986 में लगे प्रतिबंध और तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों के दबाव के बावजूद जापान में अभी भी बड़े स्तर पर इनका शिकार जारी है. तस्वीरों में देखिए इस साल शिकार की क्या तैयारियां हैं जापान की..
खामोशी से..
जापानी मीडिया के अनुसार व्हेलों के शिकार के लिए बदनाम जापान ने नाविकों की शिकार पर निकलने की तारीख गुप्त रखी. व्हेलों के शिकार का विरोध करने वाले संगठन इस बारे में पता चलने पर रास्ते का कांटा बन सकते हैं.
मुख्य जहाज
व्हेल के शिकार के लिए दो जहाज 7 दिसंबर को तट से चले, उनके अलावा सफर पर साथ है बड़ा निसहिन मारु जहाज. लक्ष्य है मार्च के अंत तक करीब 935 व्हेलों और 50 फिन मछलियों को पकड़ना.
चुप चाप रवाना
इस महीने की शुरुआत में जापान के शिमोनोसेकी बंदरगाह से सालाना शिकार के लिए जहाज रवाना हुए. जापान करीब 1,000 व्हेलों के शिकार की तैयारी में है. जापान दावा करता है कि वह व्हेल का शिकार रिसर्च के लिए करता है. लेकिन बाद में यह मांस ज्यादातर रेस्त्राओं की मेज पर ही दिखाई देता है.
समुद्री चुनौतियां
पिछले सीजन में जापान को व्हेल के शिकार में रिकॉर्ड नाकामयाबी मिली. खराब मौसम और समुद्री तूफान के बीच जापान कुल 103 व्हेलें ही पकड़ पाया. इसके अलावा व्हेलों के संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठनों की निगरानी ने भी शिकार पर असर डाला.
शिकार और शिकारी
पिछले कुछ सालों से पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठन ग्रीन पीस और सी शेफर्ड दक्षिणी महासागर में जापान के व्हेल शिकार पर नजर रखते आए हैं. उनके प्रयासों ने इस मुद्दे की तरफ अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचा है, लेकिन व्हेल शिकारियों का कहना है कि वे मानव जीवन को खतरे में डाल रहे हैं.
कानूनी कमियां
व्हेल का व्यवसायिक शिकार 1986 से प्रतिबंधित है. लेकिन वैज्ञानिक या रिसर्च कारणों से शिकार किया जा सकता है. इसी बहाने का सहारा लेकर तमाम विरोध के बावजूद भी जापान ने शिकार जारी रखा है. व्हेलों की संख्या में स्थिरता तो आई है लेकिन कई प्रजातियां खतरे में हैं.
पापी पेट के लिए
व्हेल का मांस खाना जापान में सैकड़ों सालों से आम है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब दूसरी तरह का मांस महंगा था तब लोगों ने व्हेल पर आश्रय बढ़ाया. हालांकि खुद जापान में भी व्हेल खाने के खिलाफ मुहिम छिड़ी हुई है.
समुद्र से अदालत तक
शिकारी और शिकार के खिलाफ पक्ष, दोनों ही एक दूसरे को अदालत में खींचते हैं. ऑस्ट्रेलिया ने जापान को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय अदालत में चुनौती दी है. वह उम्मीद कर रहा है कि अदालत इसी साल जापान की शिकारी गतिविधियों पर रोक लगा देगी.