वेनेजुएला: जहां महंगाई दर 13 लाख प्रतिशत हो गई है
एक ऐसा देश जहां सिर्फ ब्रेड खरीदने के लिए चाहिए लाखों रुपये. वेनेजुएला ऐसे आर्थिक संकट से गुजर रहा है जैसा उसने दशकों में नहीं देखा. हर तरफ भूख और गरीबी के बीच देश में संसदीय चुनाव हुए. देखिए किस हाल में हैं वेनेजुएला.
भोजन का संकट
2018 में वेनेजुएला में महंगाई दर 65,374 प्रतिशत हो गई थी, जो देश के पूरे इतिहास में सबसे ज्यादा थी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इसे और भी ज्यादा - 13,70,000 प्रतिशत बताया था. सिर्फ चुनिंदा सामान को छोड़ कर देश कुछ भी आयात नहीं कर सकता था. भोजन और रोजमर्रा की चीजें इतनी महंगी हो गई हैं कि अधिकांश लोगों के लिए सुपरमार्केट से सामान खरीदना असंभव हो गया है.
गरीब ज्यादा संकट में
गरीबों की सहायता करने वाली संस्थाएं भी सिर्फ उन्हीं को खाना दे पा रही हैं जिनके पास अपने बर्तन हैं क्योंकि संस्थाएं डिस्पोजेबल बर्तनों का खर्च नहीं उठा पा रही हैं. कभी समृद्ध कहे जाने वाले वेनेजुएला में आज भोजन के अलावा दवाएं, साबुन और डायपर जैसी चीजों की भारी कमी हो गई है.
96 प्रतिशत गरीबी
कराकास में खाना बांटते संगठनों और चर्च समूहों के आगे हाथ फैलाते बच्चे. इनमें से कइयों ने कई दिनों से कुछ भी नहीं खाया. चिली के यूएनबी विश्वविद्यालय के मुताबिक देश के 96 प्रतिशत परिवार गरीबी में रहते हैं और 64 प्रतिशत अत्यधिक गरीबी में. पूरे देश में सिर्फ कुछ ही परिवार मांस, मछली, अंडे, फल या सब्जियां खरीद सकते हैं.
स्वास्थ्य सेवाएं खुद शय्या पर
कराकास के सान हुआन दे दिओस अस्पताल जैसे अस्पतालों में जो भर्ती हैं, उन्हें दवाओं और कैथेटर, सीरिंज इत्यादि जैसे उपकरणों का खर्च खुद ही उठाना पड़ता है. देश के 66,000 पंजीकृत डॉक्टरों में से एक-तिहाई डॉक्टर देश छोड़ कर जा चुके हैं. देश का स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर है.
मिट्टी के घर
मिट्टी और लकड़ी से घर बनाना यहां की एक प्राचीन कला है लेकिन विशेष रूप से देश के ग्रामीण इलाकों में अत्याधिक गरीबी की वजह से इस तरह के घर एक बार फिर लोकप्रिय हो गए हैं. इनमें ना बिजली होती है, ना टॉयलेट और ना ही पाइपलाइनें.
अंधकार में जीवन
बिजली का भी भारी संकट हो गया है. विपक्ष के नेताओं का कहना है कि निवेश की कमी, भ्रष्टाचार और ऊर्जा संयंत्रों के रख-रखाव में कमी की वजह से आज हालात ऐसे हैं. सरकार ऊर्जा बचाने के लिए तरह तरह के प्रयोग करती है, जैसे सरकारी कर्मचारियों को एक सप्ताह में सिर्फ दो दिन काम पर बुलाना. लेकिन स्थिति पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है.
सड़कों पर ही बीतते हैं दिन
बिजली कट जाने पर गर्मी असहनीय हो जाती है. लोग बाहर सड़कों पर ही बैठ जाते हैं, जैसे इस तस्वीर में मैराकाइबो में बैठे हुए हैं. बीते सालों में प्रांतीय और यहां तक की राष्ट्रीय ब्लैकआउट भी सामान्य हो गए हैं. राष्ट्रपति निकोलास मादुरो इसके लिए देश के दुश्मनों द्वारा की गई तोड़-फोड़ की हरकतों को जिम्मेदार ठहराते हैं.
बिन पानी सब सूना
वलेंचिया के सांता रोसा जैसे इलाकों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है. लोग अब सड़कों के किनारे बने गंदे पानी के गड्ढों में नहाते और कपड़े धोते हैं. इलाके में पीने के पानी की भी सप्लाई नहीं है.
नदी या गंदा नाला
इन दिनों ग्वाइरे नदी में सिर्फ गंदा पानी और विषैले रसायन जाते हैं. बिजली और रख-रखाव की कमी से बांधों में दरारें पड़ गई हैं, जिस वजह से पानी बह जा रहा है. एक चक्र की तरह इससे देश के जल-विद्युत संयंत्रों में पानी की कमी हो जाती है और उससे फिर बिजली की कमी हो जाती है.
पीने के पानी की तलाश
काराबोबो का एक निवासी गुआकारा शहर में सड़कों पर एक कनस्तर लिए पीने के पानी की तलाश में घूम रहा है. कुछ स्थानों पर पूरे सप्ताह में सिर्फ कुछ घंटों के लिए पीने के पानी की सप्लाई की जाती है. अधिकांश परिवार जो भी बर्तन मिले उसी में पानी भर लेते हैं ताकि अगली आपूर्ति रुके तो उनके पास पीने का पानी रहे.
प्रदूषित पानी
मैराकाइबो झील में गाड़ियों के पहियों की ट्यूब में बैठ कर मछुआरे जाल बिछा कर मछलियां पकड़ रहे हैं, जब कि झील तेल से प्रदूषित हो चुकी है. समुद्र के तट पर भी असर पड़ा है. हाल ही में तेल की एक पाइपलाइन से रिसाव और पोर्तो काबेल्लो के पास एक रिफाइनरी में एक हादसे की वजह से करीब 20,000 बैरल कच्चा तेल समुद्र में चला गया.
'लोगों को गैस चाहिए'
गुआकारा में एक गैस स्टेशन के बाहर ईंधन के इंतजार में गाड़ियां दो हफ्तों से भी ज्यादा से खड़ी हैं. वेनेजुएला को मजबूर होकर गैसोलीन ईरान से खरीदना पड़ा है क्योंकि उसकी अपनी प्रणाली इतने बुरे हाल में है कि वो तेल ठीक से निकाल भी नहीं पा रही. 10 साल पहले देश में रोज 23 लाख बैरल तेल निकाला जाता था. आज उसका आधा भी नहीं निकल रहा है.
ध्वस्त ऊर्जा आपूर्ति
कराकास में लोग प्रोपेन के खाली सिलिंडर लिए सड़क पर खड़े हैं, इस इंतजार में कि किसी दिन उन्हें भरने का मौका मिल जाए. चूंकि बिजली और गैसोलीन की कमी हो गई है, कई लोगों ने प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. उसकी भी मांग इतनी बढ़ गई है कि सबको देना मुश्किल हो गया है.
धूमिल होते सितारे
कराकास में हूगो शावेज, फिदेल कास्त्रो, एवो मोरालेस और राफाएल कोरेरा की तस्वीरों के ठीक सामने कूड़े से लबालब एक कूड़ेदान है. यहां कई लोग वेनेजुएला, क्यूबा, बोलीविया और इक्वेडोर के समाजवादी नेताओं को संतों की तरह पूजते थे, लेकिन वेनेजुएला में 21वीं सदी का समाजवाद सबको समृद्धि दिलाने के अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाया है.
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