वीडियो: दुनिया का सबसे खतरनाक मछुआरा
१९ मई २०१७
मेकॉन्ग नदी के उफान मारते पानी में बेहिसाब मछलियां हैं. मछलियां एक बार बहाव के साथ नीचे जाती हैं और फिर कुछ महीनों बाद वापस लौटती हैं. इस दौरान मेकॉन्ग के किनारे रहने वाले लाओस के कई मछुआरे उन्हें पकड़ते हैं. बरसात के दौरान यह काम शायद दुनिया के सबसे जोखिम भरे कामों में से एक है.
मानसून के दौरान मेकॉन्ग नदी में 20 गुना ज्यादा पानी होता है. ज्यादा पानी ज्यादा मछलियां भी लाता है और जोखिम भी. कई घंटे के इंतजार के बाद भी जब कोई मछली हाथ नहीं लगती तो साम नियांग एक पतले तार के जरिये उफनती नदी पार करते हैं. उनके नीचे हर सेकेंड 1.1 करोड़ लीटर पानी बहता है. जरा सी चूक का मतलब है, लहरों में हमेशा के लिये गुम हो जाना.
इसके बावजूद साम नियांग नदी पार जाते हैं. वहां उन्हें मछलियां मिल जाती हैं. नियांग का सात लोगों को परिवार आज फिर पेट भर खाना खाएगा. लेकिन अगली सुबह नियांग एक बार फिर खाना जुटाने के लिए जान दांव पर लगाएंगे.
दक्षिण पूर्वी एशिया के देश लाओस की गिनती सबसे गरीब देशों में होती है. तख्तापलट और गृह युद्ध झेल चुके इस देश में आज भी आधारभूत संसाधनों की भारी कमी है. लेकिन बीते एक दशक से देश का पर्यटन उद्योग काफी फूल रहा है. कमल का देश कहे जाने वाले लाओस में फिलहाल 11 फीसदी नौकरियां टूरिज्म सेक्टर की हैं.
(कुदरत को समझते आदिवासी)