चंद्रबाबू नायडू को घर में किया गया नजरबंद
११ सितम्बर २०१९पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी प्रमुख को अमरावती के उंदावल्ली में स्थित उनके घर से उन्हें बाहर नहीं आने दिया, क्योंकि वह 'चलो आत्मकुर' रैली के लिए गुंटूर जाने वाले थे. उनसे मिलने के लिए आने वाले तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं को घर के अंदर जाने से रोक दिया गया. नायडू के बेटे नारा लोकेश ने घर से बाहर आकर पुलिस की इस कार्रवाई की तीखी आलोचना की. पार्टी नेता की पुलिस अधिकारियों के साथ बहस भी हुई बताई जाती है. पुलिस ने किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए गुंटूर जिले के पलनाडु क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगा दी, क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी तेलुगू देशम पार्टी के मार्च के जवाब में विरोध मार्च निकालने का आह्वान किया था.
चूंकि पुलिस ने नायडू को घर से निकलने की इजाजत नहीं दी, इसलिए उन्होंने अपने घर पर ही एक दिन की भूख हड़ताल शुरू कर दी. पार्टी के नेताओं के साथ एक टेलीकांफ्रेंस के दौरान, नायडू ने उनसे कहा कि उन्हें जहां भी प्रशासन द्वारा रोका गया, वे वहीं विरोध करें. नायडू के घर और गुंटूर की ओर जा रहे उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को विभिन्न जगहों पर रोका गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
गुंटूर शहर में तनाव व्याप्त है, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा हिंसा के पीड़ितों के लिए तेलुगू देशम पार्टी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन को नाकाम करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. विरोध मार्च पार्टी द्वारा लगाए गए एक शिविर से शुरू होने वाला था.
मंगलवार देर रात तक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिविर में मौजूद लोगों को उनके गांवों में लौटने के लिए मनाने की कोशिश की और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया. हालांकि, केवल कुछ ग्रामीण ही शिविर छोड़ने के लिए सहमत हुए. तेलुगू देशम पार्टी ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें शिविर में मौजूद 150 परिवारों को भोजन कराने की अनुमति नहीं दे रही है और उन्हें शिविर खाली करने के लिए मजबूर कर रही है. पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने मंगलवार को कहा था कि पलनाडु क्षेत्र में बैठकों, जुलूसों, रैलियों या विरोध प्रदर्शनों की अनुमति नहीं है, क्योंकि अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 और पुलिस अधिनियम की धारा 30 लागू की गई है. इसके बावजूद, तेलुगू देशम पार्टी ने घोषणा की थी कि वह 'चलो आत्मकुर' के साथ मार्च निकालेगी. पार्टी का आरोप है कि उसके आठ कार्यकर्ता वाईएसआर कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए हमलों में मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पलनाडु क्षेत्र के थे.
--आईएएनएस
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