विध्वंसकारी ताकत और इरादों वाले कीट
पृथ्वी में जहां जीवन है, वहीं जीवन को खत्म कर रिसाइक्लिंग करने वाले कीट भी हैं. इनके पास विध्वंसकारी ताकत होती है. एक नजर ऐसे ही कीटों पर.
छोटा लेकिन ताकतवर
लकड़ी में रहने वाले झिंगुर की आवाज अक्सर जंगल में या रात को सुनाई पड़ती है. यह स्वस्थ पेड़ को भी धराशायी कर सकता है. झिंगुर अगर पेड़ की भीतरी झाल में पहुंच जाए तो वह भीतरी परिवहन प्रणाली को खत्म करने लगता है.
गीजू
गीजू का यह लार्वा पत्तों को मार देता है. पत्तों की मौत से पौधे के प्रकाश संश्लेषण में बाधा आती है और वह भूखा मरने लगता है. पहली बार ग्रीस में सामने आया ये कीट बरसात से सर्दियों के बीच सक्रिय रहता है.
टिड्डा
अकेला टिड्डा घातक नहीं, लेकिन अगर इनका झुंड हो तो फिर हालात गंभीर हो जाते हैं. एक झुंड में 4 करोड़ से 8 करोड़ टिड्डे हो सकते हैं. एक टिड्डा हर दिन अपने वजन के बराबर खाना खाता है. यानी एक दिन में एक बड़ा झुंड लाखों किलो फसल चट कर जाता है.
घोंघा
धीमा और सुस्त दिखने वाला घोंघा भले ही नुकसानदेह न लगे, लेकिन किसानों को यह परेशान करता है. यह फलों और सब्जियों में छेद कर देता है. छोटे पौधों को यह कुतर भी देता है. .
पी एपहाइड्स
ये छोटे से कीट सिर्फ 12 दिन जिंदा रहते हैं लेकिन इतने ही दिनों में पौधे का रस चूस लेते हैं. दो हफ्ते से भी छोटी जिंदगी में एक मादा 100 कीटों को जन्म देती है. देखते ही देखते एक ही परिवार पूूरी फसल बर्बाद कर देता है.
दीमक
लकड़ी में अगर ये घुसे तो फिर समझिये कि खेल खत्म. लकड़ी चट करने के अलावा दीमक मक्के की फसल को भी नुकसान पहुंचाते हैं. ये चाय, कॉफी, पाम ऑयल, रबर और गन्ने की फसल पर भी हमला करते है.
वैरोआ कीट
वैरोआ कीट मधुमक्खियों की पूरी कॉलोनी उजाड़ सकते हैं. यह विषाणु के रूप में मधुमक्खी के शरीर से घुस जाते हैं और फिर मधुमक्खी के प्रतिरोधी तंत्र को कमजोर करने लगते हैं. मधुमक्खियों की मौत से फसलों और फलों के परागण में भी समस्या आती है.