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विद्रोहियों के कब्जे में शांति सैनिक

७ मार्च २०१३

संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों का कहना है कि सीरिया के विद्रोहियों के साथ 21 शांति सैनिकों को छुड़ाने पर बातचीत चल रही है. विद्रोहियों ने गोलन पहाड़ियों पर तैनात 21 शांति सैनिकों को बंधक बना लिया था.

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गोलन पहाड़ी पर अल यामूक विद्रोही दल के लड़ाकेतस्वीर: Reuters

सीरियाई विद्रोहियों ने उत्तरी शहर रका पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है और सीरिया और इस्राएल के संघर्ष विराम क्षेत्र में तैनात संयुक्त राष्ट्र सैनिकों को बंधक बना लिया है. बंधक बनाए गए शांति सैनिक फिलीपींस के हैं. संरा महासचिव बान की मून ने उनकी फौरन रिहाई की मांग की है और सरकार तथा विद्रोहियों से उनकी आवाजाही की आजादी और सुरक्षा का आदर करने को कहा है.

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि शांति सैनिकों को रिहा करवाने की कोशिश हो रही है जबकि विद्रोहियों ने कहा है कि उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जाएगा जब तक कि राष्ट्रपति असद की सेना गोलन गांव से हट नहीं जाती. फिलीपींस ने भी अपने सैनिकों को फौरन रिहा करने की मांग की है. सीरिया में फिलीपींस के 300 शांति सैनिक तैनात हैं. फिलीपींस सेना के प्रवक्ता कर्नल आर्नुल्फो बुरगोस ने कहा है कि विद्रोही बंधकों के साथ अच्छा सलूक कर रहे हैं.

राष्ट्रपति बशर अल असद के सैनिकों के साथ दो दिन की लड़ाई के बाद रखा शहर पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया. सीरियन ऑबजर्वेटरी के निदेशक रमी अब्देल रहमान ने कहा, "रका शहर अब विद्रोहियों के सामने मिलिट्री इंटेलिजेंस के जवानों के आत्मसमर्पण के बाद सेना के नियंत्रण से बाहर है." ऑबजर्वेटरी का कहना है कि यह पहली प्रांतीय राजधानी है जिस पर सरकार ने नियंत्रण खो दिया है.

Golanhöhen UN-Soldaten Entführung
तस्वीर: Reuters

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले एक साल में गोलन पहाड़ियों पर होने वाली घटनाओं में वृद्धि की खबर दी थी. उसने शांति मिशन की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त बख्तरबंद गाड़ियां और संचार उपकरण भेजे थे. ब्रिटेन स्थित संगठन सीरियाई मानवाधिकार ऑबजर्वेटरी ने दो वीडियो जारी किए हैं जिनमें विद्रोही यार्मुक ब्रिगेड ने सैनिकों को बंधक बनाने का दावा किया है. ब्रिगेड का प्रवक्ता होने का दावा करने वाले अबु कईद अल फलेह ने कहा कि जब तक सीरिया की सेना इलाके से नहीं हट जाती शांति सैनिकों को नहीं छोड़ा जाएगा. उसने संयुक्त राष्ट्र सेना पर सीरिया की सेना के साथ मिलकर विद्रोहियों को दबाने का आरोप लगाया.

सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार के खिलाफ विद्रोह का इलाका बढ़ रहा है तो संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त अंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि दो साल पहले विद्रोह के शुरू होने के बाद से दस लाख सीरियाई देश छोड़कर भागे हैं. उन्होंने कहा, "दस लाख लोग भाग रहे हैं, लाखों लोग देश के अंदर विस्थापित हैं और हजारों लोग हर दिन सीमा पार कर रहे हैं, इसके साथ सीरिया बड़ी आपादा की ओर बढ़ रहा है." गुटेरेस का कहना है कि मानवीय मदद की क्षमता पर भारी दबाव है, त्रासदी को रोकना होगा.

राहत संगठन डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने राहत सामग्रियों के बंटवारे के लिए राजनीतिक समझौते की मांग की है. उसका कहना है कि हर दिन 5000 शरणार्थी पड़ोसी देशों में स्थित खस्ताहाल कैंपों में पहुंच रहे हैं. उनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि विद्रोह के शुरू होने के बाद से 70,000 लोग मारे गए हैं.

Golanhöhen UN-Soldaten Entführung
तस्वीर: Reuters

विद्रोहियों की फ्री सीरिया आर्मी के प्रमुख ब्रिगेडियर सलीम इद्रीस ने ब्रसेल्स में यूरोपीय संसद के दौरे पर कहा कि यदि पश्चिमी देश विद्रोहियों को हथियार दें तो असद सरकार का जल्दी पतन हो सकता है. "यदि हमारे पास जरूरी हथियार हों तो हम सरकार को एक महीने के अंदर गिरा सकते हैं." ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा है कि विद्रोहियों को दो करोड़ डॉलर की बख्तरबंद गाड़ियां दी जाएंगी. यूरोपीय संघ ने विद्रोहियों को गैरघातक हथियार और ट्रेनिंग देने का फैसला लिया है.

काहिरा में अरब लीग ने विपक्षी राष्ट्रीय मोर्चे से संगठन में सीरिया की जगह लेने के लिए कार्यकारी संस्था का गठन करने और 26 मार्च को दोहा में होने वाले अगले शिखर सम्मेलन में भाग लेने को कहा है. रूस ने कहा है कि उसका प्रतिनिधि लंदन में अपने अमेरिकी सहयोगी और संयुक्त राष्ट्र के दूत लखदर ब्राहिमी से मिलेगा. रूस विद्रोहियों को गैरसैनिक मदद देने के अमेरिकी फैसले से नाराज है और सीरियाई सरकार तथा विद्रोहियों के बीच वार्ता शुरू होने से पहले राष्ट्रपति असद के इस्तीफे का विरोध करता है.

एमजे/एमजी (एएफपी)

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