विकीपीडिया ने पूरा किया 20 साल का सफर
विकीपीडिया अपना 20वां जन्मदिन मना रहा है. इंटरनेट की इस एनसाइक्लोपीडिया ने बीते 20 सालों में वॉलंटियरों के जरिए तैयार सूचनाओं के दम पर एक लंबा सफर तय किया है. आने वाले सालों के लिए भी इसने कई लक्ष्य तय किए हैं.
मशहूर वेबसाइट
15 जनवरी 2001 को अमेरिकी ब्रिटिश उद्यमी जिमी वेल्स ने इसकी नींव रखी थी. आज यह दुनिया की सबसे मशहूर वेबसाइटों में सातवें नंबर पर है. वेबसाइट पर मौजूद 5.5 करोड़ आलेखों को हर महिने लोग 15 अरब बार खोल कर पढ़ते हैं.
अंग्रेजी में शुरुआत
विकीपीडिया की वेबसाइट अंग्रेजी में शुरू की गई. हालांकि दो महीने के भीतर ही इसे जर्मन और स्वीडिश भाषा में भी लॉन्च कर दिया गया. अब यह दुनिया की 309 भाषाओं में मौजूद है.
विकीपीडिया हिंदी
विकीपीडिया को जुलाई 2003 में हिंदी भाषा में शुरू किया गया. हालांकि उड़िया में विकीपीडिया हिंदी से करीब एक साल पहले 2002 में लॉन्च हो गया था. इस तरह से भारतीय भाषा में सबसे पुरानी विकीपीडिया उड़िया की है.
भारतीय भाषाओं में विकीपीडिया
फिलहाल 23 भारतीय भाषाओं में विकीपीडिया की वेबसाइट मौजूद हैं. कई भाषाएं तो गूगल ट्रांसलेट पर उपलब्ध नहीं होने के बावजूद विकीपिडीया उस भाषा में उपलब्ध है. दक्षिण पश्चिमी भारत की तुलु भाषा वीकीपीडिया के लिए सबसे नई भारतीय भाषा है.
जिमी वेल्स का लक्ष्य
2006 में जिमी वेल्स ने विकीपीडिया पर हर उस भाषा के लिए एक लाख से ज्यादा एंट्री रखने का लक्ष्य तय किया था जिसे एक करोड़ से ज्यादा लोग बोलते हैं. हालांकि उन्होंने माना है कि इस लक्ष्य तक पहुंचने में अभी 20 साल और लगेंगे.
गैरलाभकारी संगठन
विकीपीडिया एक गैरलाभकारी संगठन है और गूगल, फेसबुक जैसी दिग्गज कंपनियों के दौर में भी बिना मुनाफा कमाए अपना प्रभुत्व बनाए हुए है. यह इंटरनेट के शुरुआती दिनों की मुहिम को आज भी प्रासंगिक बना रहा है जब इंटरनेट को खुले संसाधन के रूप में देखा गया था.
अनुवाद नहीं स्वतंत्र लेखन
विकीपीडिया आज भी अनुवाद से ज्यादा स्वतंत्र लेखन को महत्व देता है. हर भाषा में बनाए गए पन्नों पर वॉलंटियरों ने खुद इसमें जानकारियां जोड़ी हैं. पारंपरिक एनसाइक्लोपीडिया से उलट यहां ऐसे लेखकों का स्वागत होता है जो लेखन में विशेषज्ञता नहीं रखते हैं.
विकीपीडिया की आलोचना
विकीपीडिया की इस बात के लिए आलोचना होती है कि इसके वॉलंटियरों में पश्चिमी देशों के गोरे पुरुषों की बहुतायत है. आलोचकों का कहना है कि इस वेबसाइट पर विकासशील देशों और महिलाओं की कम जानकारी है.
सच्चाई की परख
कई बार विकीपीडिया पर गलत जानकारी होने की शिकायत आती है. विकीपीडिया हर किसी को ऐसी जानकारी संपादित करने या फिर इसकी सूचना देने की आजादी देता है. साथ ही वेबसाइट किसी भी सूचना के आखिरी होने का दावा नहीं करता यानी इसे कभी भी बदला जा सकता है. कई बार इसे कुछ देशों में ब्लॉक भी किया गया.
कैसे चलता है खर्च
विकीपीडिया का खर्च लोगों से मिले चंदे से चलता है. चंदा जुटाने के लिए हर साल वीकीपीडिया ऑनलाइन अभियान चलाता है. 2020 में भी उसने करीब 7 करोड़ डॉलर चंदे के रूप में जुटाए. लोग 5 डॉलर जैसी मामूली रकम से लेकर बड़ी राशि भी दान में देते हैं.