वालमार्ट ने भारती से रिश्ता तोड़ा
९ अक्टूबर २०१३वालमार्ट अब तक भारती इंटरप्राइजेज के साथ मिल कर कारोबार करती आई है. लेकिन बुधवार को दोनों कंपनियों ने अलग रास्ता चुनने का एलान किया. इसके साथ ही यह भी तय हो गया कि संयुक्त उपक्रम में वालमार्ट अपनी भारतीय सहयोगी भारती की हिस्सेदारी को खरीद लेगा. भारत सरकार ने हाल ही में रिटेल सेक्टर में विदेश निवेश को मंजूरी दी है लेकिन अभी इस पर अमल नहीं हुआ है. वालमार्ट के इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेश पर असर पड़ सकता है.
करीब सवा अरब की आबादी वाले भारत में रिटेल सेक्टर पूरी तरह व्यवस्थित नहीं है. पिछले साल के सरकार के फैसले के बाद भी अभी तक किसी विदेशी कंपनी ने वहां रिटेल चेन खोलने का आवेदन नहीं किया है. समझा जाता है कि भारत का रिटेल कारोबार करीब 400 अरब डॉलर का है. वालमार्ट के एशिया प्रमुख स्कॉट प्राइस का कहना है कि नए कानून के तहत कंपनियों को 30 फीसदी माल स्थानीय छोटे और मंझोले कारोबारियों से खरीदना होगा और इससे कारोबार शुरू करने की दिशा में रोड़ा अटक सकता है.
उन्होंने इंडोनेशिया के बाली में कहा, "मुझे समझ नहीं आता है कि यह 30 फीसदी छोटे और मंझोले कारोबारियों वाले मुद्दे को कैसे हल किया जा सकता है." वालमार्ट और भारती के बीच बहुत अच्छे रिश्ते बहुत पहले ही खत्म हो गए थे और कई महीनों से चर्चा चल रही थी कि दोनों साझीदार अलग होने वाले हैं. जून में भारती वालमार्ट के सीईओ को हटा दिया गया. इसके अलावा कंपनी में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कई कर्मचारियों को स्सपेंड भी किया जा चुका है.
दोनों कंपनियों ने 2007 में हाथ मिलाया था और अमृतसर में 2009 में पहला रिटेल स्टोर खोला था. इस वक्त दोनों के जीरकपुर, जालंधर, कोटा, भोपाल, लुधियाना, रायपुर, इंदौर, विजयवाड़ा, आगरा, मेरठ, लखनऊ और जम्मू में 20 होलसेल स्टोर हैं.
वालमार्ट और भारती ने एक संयुक्त बयान जारी कर बुधवार को कहा कि वे अलग हो रहे हैं, लेकिन वह अप्रत्यक्ष तौर पर भारत में कारोबार जारी रखेगी क्योंकि उसने भारती इंटरप्राइजेज को खरीदने का फैसला किया है. भारती के वाइस चेयरमैन और एमडी राजन भारती मित्तल ने कहा, "भारती विश्व स्तर का रिटेल कारोबार करना चाहती है और वह इस दिशा में काम करती रहेगी." ताजा करार के मुताबिक ईजीडे रिटेल शॉप भारती के पास ही रहेंगे.
उधर, स्कॉट प्राइस का कहना है, "मौजूदा परिस्थितियों में, हमारा अलग काम करना दोनों ही पक्षों के लिए अच्छा है."
एजेए/एनआर (एएफपी, पीटीआई)