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वर्ल्ड कप के लिए एशियाई जंग

१७ जून २०१३

एशियन कंफेडरेशन के पांच देश मंगलवार से फुटबॉल वर्ल्ड कप की उम्मीदों के मिटने या बने रहने की जंग में शामिल होंगे. अपनी जीत से ज्यादा दूसरों की हार जीत का गुणा भाग दिलाएगी सीट.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ब्राजील 2014 के लिए अब तक केवल जापान ने अपनी जगह पक्की की है. दक्षिण कोरिया, ईरान, उज्बेकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और ओमान की राष्ट्रीय टीमें बाकी बची तीन सीटों पर अपना नाम लिखवाने के लिए बेचैन हैं. यहां चूकने वाली दो टीमों को फिर अंतरमहादेशीय क्वालिफाइंग मुकाबलों के गणित में उलझना होगा. (वर्ल्ड कप में जापान)

जाहिर है कि सारी टीमों पर दबाव बहुत ज्यादा है लेकिन दक्षिण कोरिया और ईरान के कोच कोरियाई प्रायद्वीप में उल्सान वर्ल्ड कप स्टेडियम में गेंद के साथ जंग से पहले जुबानी जंग में उलझ गए हैं. दक्षिण कोरिया ग्रुप ए में 14 अंकों के साथ शीर्ष पर है और ईरान से एक अंक आगे है. अगर तीसरे नंबर पर मौजूद उज्बेकिस्तान ताशकंद में कतर को हराने में नाकाम रहता है तो दक्षिण कोरिया और ईरान दोनों को वर्ल्ड कप में जगह मिल जाएगी. दोनों टीमों का मुकाबला 1996 से लेकर चार साल पहले तक हर एशियाई कप में होता रहा है. 2010 में दक्षिण कोरिया ने वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर ईरान की उम्मीदें खत्म कर दी थी.

दक्षिण कोरियाई टीम जानती है कि क्वालिफाई करने के लिए उनका मैच ड्रॉ करना ही काफी होगा. हालांकि उनके कई अहम खिलाड़ी मैच में नहीं होगें. इमें इंग्लिश प्रीमियर लीग के सितारे की सूंग येउंग और 2012 की ओलंपिक टीम के कप्तान कू जा चेओल भी हैं. इनके साथ ही टीम के कैप्टन क्वाक टे ह्वी उज्बेकिस्तान की जीत के दौरान जख्मी हो गए और वो भी नहीं पहुंच रहे हैं. टीम को उम्मीद है कि जर्मन टीम बायर लेवरकूजेन के साथ जुड़ने वाले सोन हेउंग मिन ईरान के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे.

उज्बेकिस्तान के लिए जरूरी है कि वह कतर को एक मजबूत शिकस्त दे और तब वो उम्मीद कर सकता है कि गोलों के अंतर के आधार पर ईरान या कोरिया से ऊपर आ कर पहली बार वर्ल्ड कप में जा सकता है. कतर की टीम पहले से ही बाहर हो चुकी है और उसके शीर्ष छह खिलाड़ी भी चोटों या निलंबन की वजह से मैच में नहीं रहेंगे.

ग्रुप बी में जापान ने पहले ही शीर्ष जगह हासिल कर ली है लेकिन दूसरी जगह की दौड़ में सबसे आगे ऑस्ट्रेलिया है. पिछले मंगलवार को मेलबर्न में जॉर्डन पर जीत के बाद जापान से 1-1 की बराबरी यह बता रही है कि कंगारू लगातार तीसरी बार वर्ल्ड की ओर बढ़ रहे हैं. सिडनी में उनका मुकाबला इराक से होना है जो उनके मुकाबले काफी पीछे है. अगर ओमान चौथे नंबर पर मौजूद जॉर्डन को हराने में नाकाम रहता है तो ऑस्ट्रेलिया हार कर भी अपनी जगह पक्की कर लेगा. इराक पहले ही दौड़ से बाहर है 2007 में एशियाई कप विजेता टीम के सितारे यूनिस महमूद और नशात अकरम रिटायर हो चुके हैं. इसके अलावा 80 हजार दर्शकों की भीड़ भी मेजबान टीम के साथ ही होगी हालांकि इसके बावजूद कप्तान लुकास नील मुकाबले को हल्के में नहीं ले रहे.

सिडनी में यह मुकाबला अम्मान में जॉर्डन और ओमान के मुकाबले से कई घंटे पहले होगा. ऑस्ट्रेलिया की हार का मतलब है कि ओमान तीन अंक लेकर दूसरे नंबर पर आएगा या नहीं यह देखने के लिए दर्शकों को काफी इंतजार करना होगा.

यहां जो चूक जाएंगे उनके लिए ब्राजील का एक और रास्ता है. दोनों ग्रुपों की तीसरे नंबर की टीम सितंबर में एशियाई मुकाबले में भिड़ेगी. विजेता के पास मौका होगा दक्षिण अमेरिकी टीम से भिड़ कर अपने लिए वर्ल्ड कप का टिकट हासिल करना.

एनआर/एएम(एपी)

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