वक्त के साथ डूबती उम्मीदें
16 अप्रैल को दक्षिण कोरिया के तट से 20 किलोमीटर दूर डूबी फेरी से 290 यात्री लापता हैं. फेरी 476 लोगों को दक्षिणी द्वीप पर ले जा रही था.
बड़ा राहत कार्य
476 लोगों को लिए इस जहाज में 325 छात्र थे. ये सभी बच्चे जेजू द्वीप पर जा रहे थे, यह देश के दक्षिणी हिस्से में है.
संकट की चेतावनी
राहत ऑपरेशन में लगे हुए हेलीकॉप्टर. फेरी संकट का सिग्नल देने के बाद तेजी से डूबने लगी और दो घंटे के अंदर डूब गई.
बचे लोगों की तलाश
कई बचाव और राहत टीमें मौके पर पहुंचीं. इनमें अमेरिकी नौसेना सील के गोताखोर भी हैं. दुर्घटनास्थल के आस पास के इलाके में बचे हुए लोगों की तलाश जारी है.
अधिकतर छात्र
300 से ज्यादा बच्चे और 14 टीचर इस जहाज से छुट्टियां मनाने जेजु द्वीप पर जा रहे थे, यह इलाका पर्यटकों में मशहूर है.
साझा कोशिश
डूबती फेरी से कूदे लोगों को कई मछुआरों और दूसरे जहाज के लोगों ने बचाया. इसके बाद तेजी से नौसेना की नावें और हेलीकॉप्टर भी मौके पर पहुंचे.
बुरा ख्वाब
बाल बाल बचे यात्रियों को बाद में सेओगेओकाडो नाम के बंदरगाह पर लाया गया. दुर्घटना के समय पानी का तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस था. यानि शरीर के जल्दी ठंडा पड़ने की आशंका भी थी.
चिंता में परिजन
जिनके बच्चों की जान बच गई उनकी चिंता थोड़ी मिट गई. लेकिन अभी भी 290 लोगों का कुछ पता नहीं है.
डूबती उम्मीदें
राहत और बचाव का काम जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे वैसे लापता लोगों के परिजनों की घबराहट भी बढ़ती जा रही है.
पहले भी
1993 में दक्षिण कोरिया की एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हुई थी इसमें 300 लोगों की जान चली गई थी.