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लेज़र प्रिंटर से स्वास्थ्य को खतरा

४ मई २०१०

हमारी हिंदी वेबसाईट पर लिखे आलेखों को बहुत से श्रोता अक्सर पढ़ कर अपने विचार लिखते हैं तथा पत्रो द्वारा भी अपनी प्रतिक्रियाएं भेजते हैं. आइये जाने उन्हीं के शब्दो में कि वो क्या कहते है...

https://p.dw.com/p/NB1a
तस्वीर: DW

मंगल ग्रह पर अन्वेषण अभियान के विषय में जाना. विश्व की जनसंख्या जिस रफ़्तार से बढ़ रही है ऐसे में भविष्य में धरती पर मानव जीवन कठिन होगा इसलिए नित नए ग्रहों की (विशेषकर जहां जीवन है) खोज की जा रही है. शायद हम जीवन योग्य अन्य ग्रहों को खोज पाएंगे. वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से तो यही लग रहा है.

उमेश कुमार शर्मा, स्टार लिस्नर्स क्लब, नारनौल, हरियाणा

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खोज के नवीनतम अंक में लेज़र प्रिंटर से स्वास्थ्य को ख़तरे के बारे में सुनकर बहुत हैरानी हुई. वैज्ञानिक किसी भी खोज के साथ क्या उसके ख़तरों के बारे में अनुसंधान नहीं करते? जब तक अनुसंधान होता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है.

प्रमोद माहेश्वरी, शेखावाटी लिस्नर्स क्लब, फतेहपुर-शेखावाटी

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लाइफ लाइन में आबूधाबी के पास ईको सिटी निर्माण की योजना रोचक और शिक्षाप्रद लगी. जलवायु परिवर्तन के संकट काल में इस तरह का शहर जन्नत के समान है, लेकिन यहां जिंदगी गुजारना बहुत मंहगा पड़ेगा. इस प्रकार यह शहर रईसजादों का ऐशगाह बनकर रह जायेगा. वेस्ट वाच में जर्मन इतिहास में हिटलर की क्रूरता के एक और काले अध्याय से परिचित हुआ. जानकारी के लिए आप सबका हार्दिक धन्यवाद.

चुन्नीलाल कैवर्त,ग्रीनपीस डी एक्स क्लब सोनपुरी,जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़

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28 मार्च को डॉयचे वेले कार्यक्रम में फेरबदल के अंतर्गत आपकी बारी आपकी बात भी सुना. कार्यक्रमों में फेरबदल व नए प्रसारण से ख़ुशी व दुःख दोनों हुई. ख़ुशी इस बात की कि आपकी बारी आपकी बात का प्रसारण शाम की सभा में होगा व दुःख इस बात का की सुबह की सभा अब हमें सुनने को नहीं मिलेगी.

शाम की सभा में प्रसारित आपकी बारी आपकी बात को बहुत कम समय दिया गया, ऐसा लगा की नई बोतल में पुरानी शराब भरी गयी है, इससे पूर्व ये भी घोषणा की गई था कि प्रसारण रात 8 बजे से 8.30 बजे के मध्य होगा तथा आपकी बारी आपकी बात को तीन दिन शनि, रवि और सोम को प्रसारित किया जायेगा, लेकिन आज इसका प्रसारण नहीं किया गया. कार्यक्रम व समय की स्थिति के बारे में स्पष्ट करने की कृपा करे. कार्यक्रम स्पष्ट व साफ सुनाई दे रहा है.

दुर्गेश कुमार पटेल, रायगढ़, छत्तीसगढ़

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धन्य है DW हिंदी जो समय समय पर कार्यक्रमों के द्वारा इंसानों को सचेत करते हुए नित नई जानकारी देता रहता है. धरती के स्वास्थ्य, प्रदूषित पानी धरती की बीमारी पर लाइफ लाइन कार्यक्रम सुना. आज समय आ गया है हमें सचेत रहते हुए पानी का अपव्यय (दुरूपयोग) रोकना होगा क्योंकि जिस प्रकार से धरती में जल का प्रभाव कम हो रहा है हमें इस समस्या को आने से पहले जल संचय, दुरूपभोग आदि पर गंभीरता से मनन करना पड़ेगा.

राजेश कुमार वर्मा, गोल्डन रेडियो लिस्नर्स क्लब, मऊनाथ भंजन, मऊ, उत्तर प्रदेश

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डॉयचे वेले की हिंदी वेब साईट पर मनमोहन-गिलानी की मुलाकात 'सकारात्मक' खबर पढ़ा भारत और पाकिस्तान के संबंध किसी अच्छे मोड़ पर नहीं है. न ही होनें हैं .भारत-पाक संबंध न तो इन देशों की सरकारें कुछ तय करती है और न ही यहां की जनता. अमरीका जैसा चाहता है संबंध वैसे ही रहते हैं. करगिल प्रकरण के बाद अटल सरकार ने निर्णय लिया था कि जब तक पाकिस्तान कश्मीर चरमपंथियों को समर्थन देना बंद नहीं करता भारत उससे बात नहीं करेगा. लेकिन भारत को बिना शर्त बात करनी पड़ी थी.

मुंबई हमले के बाद भी भारत ने स्टैंड लिया था कि पाकिस्तान जब तक हमलावरों पर कार्रवाई नहीं करता उसके साथ वार्ता संभव नहीं है.लेकिन पाकिस्तान की ओर से बगैर किसी पहल के भारत को झुकना पड़ा. भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक पाकिस्तान सकारात्मक सहयोग नहीं करेगा.

हर बार भारत की ओर से वार्ता का माहौल बनाया जाता है लेकिन पाकिस्तान हर बार कोई न कोई खेल खेल जाता है आपसी विश्वास दोस्ती की बुनियाद होती है.भारत ने यही विश्वास पाक के साथ कायम करने की कोशिश की, लेकिन पाक ने इस विश्वास का नाजायज फायदा बार-बार उठाया है.इसके उदाहरण सभी के सामने हैं.

क्या गिलानी नहीं जानते कि पाकिस्तान में कहां-कहां आतंकवादी शिविर है और वहां भारत के ख़िलाफ़ क्या-क्या होता है. उनको मालूम हैं कि सीधे-सीधे पाकिस्तानी सेना या परमाणु बम का ख़ौफ दिखाकर भारत को नहीं झुकाना संभव नहीं है इसलिए आतंकवाद जैसी कवायद तो चलती रहेगी. भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने तय किया है कि आने वाले दिनों में विदेश मंत्री और विदेश सचिव मुलाक़ातें करेंगे और आपसी विश्वास बढ़ाने के नए रास्ते तलाश करेंगे.

रवि शंकर तिवारी, गुन्सेज , दिनारा सासाराम बिहार