लापता 70 जवान सुरक्षितः पुलिस
५ अगस्त २०१०छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन ने कहा, "गोलीबारी खत्म हो गई है और पुलिसकर्मी सुरक्षित हैं. वे लौट रहे हैं लेकिन धीरे लौट रहे हैं क्योंकि बारुदी सुरंग होने या फिर से मुठभेड़ होने का खतरा है. गोलीबारी की शुरुआत में पुलिस ने पांच लड़ाकों को गोली मारी लेकिन उग्रवादी पहाड़ी पर चढ़ गए और वहां से उन्होंने हमले किए पर सफल नहीं हो सके."
स्थानीय पुलिस सूत्रों का कहना है कि पिछले तीन साल में छत्तीसगढ़ में 1,984 माओवादी हगमले हुए हैं. इसमें 418 आम लोग, 435 पुलिस मारे गए.
एक अन्य घटना में झारखंड में एक निजी सुरक्षा कंपनी के पांच लोग सड़क किनारे हुए बम धमाके में मारे गए. ये धमाका मंगलवार को हुआ जबकि पुलिस को शव बुधवार को मिले.
अधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से 626 जिलों में से एक तिहाई जिलों में माओवादियों का प्रभाव है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माओवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है.
रिपोर्टः डीपीए/आभा एम
संपादनः एस गौड़