लाइफस्टाइल और अच्छा खाना
खाने का मतलब सिर्फ पेट भरना ही नहीं है, यह आजकल लाइफस्टाइल और फैशन बन चुका है. लेकिन दूसरी ओर बदलती दुनिया में लोग कम से कम समय खाने के ऊपर लगा रहे हैं. कभी फास्टफूड तो इस समय फ्रेश फास्टफूड चर्चा में है.
खाद्य मेले
जर्मनी में खाद्य बाजार को नियमित करने में खाद्य मेले बड़ी भूमिका निभाते हैं. यहां उत्पादकों को ग्राहक मिलता है और खुदरा व्यापारियों को अपने ग्राहकों को सस्ते और किफायती दाम पर खाने के सामान की नियमित सप्लाई के लिए साझेदार.
राजा ग्राहक
जर्मनी के कोलोन शहर का खाद्य मेला अनुगा दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य मेला है. यहां दुनिया भर के खाद्य विक्रेता आते हैं. यही वजह है कि जर्मन उपभोक्ताओं को दुनिया भर की चीजें मिलती हैं. चाहे भारत की काली मिर्च हो, चीन का अदरक, या ब्राजील का आम.
लोकप्रिय बाजार
जर्मन खाद्य बाजार की लोकप्रियता के कारण खाद्य मेलों में बड़ी संख्या में विदेशी कंपनियां भी आती हैं. स्विट्जरलैंड और हॉलैंड की कंपनियां अपने दुग्ध उत्पादों को लेकर आती हैं, तो यहां अपने उत्पादों को लेकर पेरू की एक कंपनी पहुंची हुई है.
प्रोटीन की कमी
रिया किनवा को टेस्ट कर रही है. इसके दानों में प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में होता है और इसके सेवन से लोगों में प्रोटीन की कमी की समस्या से निबटा जा सकता है. स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसकी कमी बहुत आम है.
वीगन प्रोडक्ट
चिकन में एंटीबायोटिक की शिकायत, तो बीफ और पोर्क में समय समय पर होने वाली बीमारियों की समस्या. पश्चिमी देशों में शाकाहारी लोगों की संख्या बढ़ रही है. वह भी वीगन लोगों की, जो पशुओं से मिलने वाली चीजों, यहां तक कि दूध का भी इस्तेमाल नहीं करते. लेकिन खाना वैसा ही दिखना चाहिए जैसा पारंपरिक खाना दिखता है.
वीगन सॉसेज
खाने की आदतें आसानी से नहीं बदलती. लोग मीट खाते रहे हैं. अब भले ही वे मीट न खाना चाहते हों, लेकिन मीट से बनी चीजों के बदले शाकाहारी उत्पादों से बनी चीजें खाना पसंद करते हैं. यहां रैक में तरह तरह के वीगन सॉसेज दिख रहे हैं.
फास्टफूड
कहीं लोगों को खाना नहीं मिल रहा है, तो कहीं जिंदगी इतनी तेज होती जा रही है कि लोगों के पास खाना खाने का समय ही नहीं है. जर्मनी में फास्टफूड की लोकप्रियता बढ़ रही है. लेकिन साथ ही ताजा फास्टफूड की भी मांग है. इसलिए तुर्क डोएनर लोकप्रिय हो रहा है.
मार्केट रिसर्च
खाद्य मेले में फूड प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां अपने नए उत्पाद लाती हैं और टेस्ट करती हैं कि लोग उसे कितना पसंद कर रहे हैं और उनके बिकने की कितनी संभावना है. ऐसे उत्पादकों में पेत्री फाइनकोस्ट भी शामिल है.