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लश्कर के निशाने पर थे बाल ठाकरे

२४ मार्च २०१६

मुंबई की एक विशेष अदालत को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने बताया है कि लश्कर बाल ठाकरे की हत्या की साजिश रच रहा था. 2008 के मुंबई हमलों का आरोपी हेडली अमेरिकी जेल में सजा काट रहा है.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

गुरुवार को ये जानकारी देते हुए हेडली ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा बाल ठाकरे को खत्म कर देना चाहता था. लेकिन हुआ ये कि जिस व्यक्ति को इस काम के लिए चुना गया था उसकी गिरफ्तारी हो गई. 55 साल का हेडली आतंकी हमले के मामले में सरकारी गवाह बन गया है. अमेरिका से वीडियो लिंक के जरिए बयान देने वाले हेडली ने ऐसी कई बातें विशेष अदालत के सामने रखीं. मौका था 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के एक मुख्य साजिशकर्ता अबु जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान के साथ क्रॉस इक्जामिनेशन का.

हेडली ने ये भी बताया कि वह दो बार शिव सेना के मुख्यालय सेना भवन भी गया था. हेडली ने कहा, "हम शिव सेना सुप्रीमो को निशाना बनाना चाहते थे...उसका नाम बाल ठाकरे था. एलईटी उसे मौका मिलते ही मार डालना चाहती थी. मुझे इतना पता था कि बाल ठाकरे शिव सेना प्रमुख हैं. मुझे पक्का तो नहीं पता लेकिन शायद एलईटी ने एक बार बाल ठाकरे को जान से मारने की कोशिश की भी थी."

उसने ये भी बताया कि ठाकरे को मारने से पहले ही जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी हो गई थी, वह बाद में पुलिस की हिरासत से भाग गया था. हेडली ने विशेष सेशन कोर्ट के जज जीए सनप को कहा कि उसे ठाकरे के अलावा लश्कर के किसी और लक्ष्य का पता नहीं है.

एक दिन पहले ही हेडली ने बताया था कि कैसे एक बार अमेरिका ने ही उसकी पाकिस्तान यात्रा को प्रायोजित किया था. उसका दावा है कि साल 2006 तक वह लश्कर को करीब 70 लाख रूपए दान दे चुका था. इसके दो साल बाद 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके हुए.

हेडली को 1998 में ड्रग्स से संबंधित एक अपराध के लिए पहली बार गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तानी पिता और अमेरिकी मां के बेटे डेविड हेडली का असली नाम दाऊद सैयद गिलानी है. लेकिन 2002 में पहले उसने अपना नाम बदल कर डेविड हेडली कर लिया था ताकि असली पहचान छिपाने में मदद मिल सके.

आरपी/एमजे (पीटीआई)