लगा 799 विकेटों पर ही अटक जाऊंगाः मुरली
११ अगस्त २०१०अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के तीन सप्ताह बाद मुरली ने अगले साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में टीम की मदद के लिए कदम बढ़ाए. वर्ल्ड कप अगले साल बांग्लादेश, श्रीलंका और भारत मिल कर करने वाले हैं. "मैंने चयनकर्ताओं से कहा है कि अगर वे अगले वर्ल्ड कप में मुझे चाहते हैं तो मैं खेलूंगा. नहीं तो मैं अगले दो या तीन साल टी20 और कुछ घरेलू क्रिकेट खेलूंगा."
मुरलीधरन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का कारण शारीरिक समस्या नहीं है बल्कि वे ऐसे समय खेल से रिटायर होना चाहते थे जब वे चरम पर हों. "मेरा विश्वास है कि मैं अगले दो तीन साल और आराम से खेल सकता था लेकिन मैंने सोचा कि अपने सबसे अच्छे समय में रिटायर होना चाहिए. मैं चाहता था कि लोग पूछे कि तुमने खेलना क्यों बंद किया न कि ये पूछें कि तुम अभी तक क्यों खेल रहे हो. इसलिए मैने अभी संन्यास लिया."
38 साल के मुथैया मुरलीधरन का मानना है, "स्पिन बॉलिंग मुश्किल फॉर्म है लेकिन मैं मानता हूं कि ये हर तरह के क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण है. लोगों की ये सोच गलत है कि स्पिन गेंदबाज टी 20 में नहीं चल सकते. पिछले दो आईपीएल में स्पिन गेंदबाजों का ही दबदबा रहा है."
मुरली को करियर के शिखर पर संन्यास लेने का वो क्षण याद है. लेकिन वे मानते हैं कि एक क्षण उन्हें लगा था कि वे 799 विकेटों पर ही अटक जाएंगे. "पिछले टेस्ट में मुझे आठ विकेटों की जरूरत थी. मैंने खुद पर यकीन रखा क्योंकि गॉल स्टेडियम में मेरा खेल हमेशा अच्छा रहा है. लेकिन जब बल्लेबाज सिर्फ ब्लॉकिंग करने लगे तो मेरे मन में कहीं बहुत गहरे ये आया कि अब बस. मेरा करियर 799 विकेटों के साथ खत्म हो जाएगा."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एम गोपालकृष्णन