रुपये ने इटली से गोवा पहुंचाया
३१ अगस्त २०१३नूपुर कहती हैं, "हम लोग यहां खूब ऐश से छुट्टी मनाएंगे. खूब खर्च करेंगे. लेकिन अफसोस कि देश के अंदर ही छुट्टी मनानी पड़ रही है." बैंक में काम करने वाली सूद उस मध्यम वर्गीय भारतीय परिवारों में एक हैं, जिनकी आमदनी पिछले एक दशक में अच्छी खासी बढ़ी है और जो अब विदेशों में सैर सपाटे का खर्च उठा सकता है.
हालांकि भारतीय मुद्रा यानी रुपये का पिछले कुछ दिनों में जो हाल हुआ है, उसने इन्हें एक बार फिर परेशान कर दिया. एक तरफ विदेशों में छुट्टियों का ऑफर देने वाली भारतीय एजेंसियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं स्थानीय होटल उद्योग को इससे फायदा हो रहा है. स्टारवुड होटल के महानिदेशक दिलीप पुरी का कहना है, "भारतीय होटल उद्योग को काफी फायदा पहुंच रहा है क्योंकि यह विदेशियों के लिए सस्ता हुआ है और विदेश जाने वाले भारतीयों के लिए एक विकल्प के तौर पर उभरा है. हम एक अच्छी सर्दी की उम्मीद कर रहे हैं."
लगातार गिरता रुपया
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भारतीय रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 68.85 तक पहुंच गया, यानी इस साल के मूल्य में 20 फीसदी की गिरावट. हालांकि बाद में गुरुवार और शुक्रवार को भारतीय मुद्रा की हालत थोड़ी बेहतर हुई. वाणिज्य और उद्योग संगठन एसोचैम के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी और जून के बीच घरेलू पर्यटन में 35 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि घूमने के लिए विदेश जाने वाले लोगों की संख्या 15 से 20 फीसदी कम हुई.
आम तौर पर हर साल डेढ़ करोड़ भारतीय छुट्टियां मनाने विदेश जाते हैं. पैसे की कीमत गिरने से उनमें से बहुत लोग अब भारत में ही छुट्टियां बिता रहे हैं. इसका मतलब यह भी हुआ कि वे रुपया बेच कर विदेशी मुद्रा नहीं खरीद रहे हैं. इन कदमों से कुल मिला कर रुपये को थोड़ा फायदा पहुंच रहा है. इस बीच पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से जून के बीच भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 2.6 प्रतिशत बढ़ी है. मंत्रालय को उम्मीद है कि नवंबर में छुट्टियों का सीजन शुरू होने के बाद यह और बढ़ेगी.
होटलों को फायदा
गोवा के लीला होटल में इस साल की गर्मियां अच्छी रहीं. पिछले कई साल के मुकाबले ज्यादा मेहमान आए और इसे उम्मीद है कि सर्दियों में इससे भी ज्यादा लोग आएंगे. गोवा में लीलावेंचर ग्रुप के जनरल मैनेजर श्रीधर नायर का कहना है, "भारत बहुत सस्ता हुआ है." घरेलू पर्यटकों की मदद से गोवा में अप्रैल से जून के बीच राजस्व 10-12 फीसदी बढ़ा है. उम्मीद है कि विदेशी पर्यटक इसे पिछले साल के मुकाबले 12-14 फीसदी बढ़ाएंगे.
नायर ने बताया कि उनके होटल में इस साल की सबसे महंगी बुकिंग द क्लब रूम की हुई, प्रति रात जिसका किराया 60,000 रुपये है. इस कमरे के साथ स्वीमिंग पूल और खानसामे हैं. गोवा के अलावा आगरा, जयपुर और पुणे को इस साल काफी फायदा हुआ है.
100 के पार
ग्रीस और थाइलैंड में होने वाली दो बड़ी शादियां भी लीला होटल में हुईं क्योंकि यह सस्ता विकल्प था. इसी तरह क्वालालंपुर की एक बड़ी कांफ्रेंस भी गोवा में करनी पड़ी. नायर का कहना है, "हमारी मुद्रा थाइलैंड की बाठ और मालदीव के रुपये से भी नीचे गिरी, तो मुद्रा के गिरने के लिहाज से हम सबसे ज्यादा फायदे में हैं." उन्होंने बताया कि रूस और ब्रिटेन से बहुत से लोगों के फोन आ रहे हैं. ब्रिटेन के लोग खास तौर पर उत्साहित हैं क्योंकि एक पाउंड का मूल्य 100 रुपये से भी ज्यादा हो गया है.
होटल प्रबंधनों का मानना है कि सरकार के पास अच्छा मौका है कि वह पर्यटकों के जरिए विदेशी मुद्रा भारत तक ला सकती है. पिछले साल 66 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए और विदेशी मुद्रा के तौर पर 18 अरब डॉलर का कारोबार हुआ. पर्यटन मंत्रालय का कहना है कि इस साल यह आठ फीसदी बढ़ सकता है.
ट्रैवल एजेंसियों को नुकसान
इन सबसे पर्यटन एजेंसियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. भारत की दूसरी सबसे बड़ी पर्यटन एजेंसी थॉमस कुक का कहना है कि पिछले साल अप्रैल से जून के बीच विदेश जाने वाले सैलानियों की संख्या 44 फीसदी बढ़ी थी, जो इस साल मात्र 15 फीसदी रही. कंपनी को अपनी नीति बदलनी पड़ी है और अब यह देश के अंदर 800 नए ऑफर दे रही है.
कॉक्स एंड किंग्स, यात्रा डॉट कॉम और इस तरह की दूसरी एजेंसियां भी घरेलू पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैं और दक्षिण अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए खास पैकेज दे रही हैं. इन देशों में भारतीय रुपये की कीमत अपेक्षाकृत ठीक बनी हुई है.
इटली की जगह गोवा में छुट्टियां मनाने जा रहीं नूपुर सूद कहती हैं, "मैं खुश हूं क्योंकि पिछले साल मैं अमेरिका गई और उस वक्त भी ऐसा ही हो गया. तब मेरा बजट गड़बड़ा गया. तो इस बार तो दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीएगा."
एजेए/ओएसजे (रॉयटर्स)