1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

स्केनिया रिश्वत घोटाला: गडकरी ने भेजा मीडिया को नोटिस

चारु कार्तिकेय
१२ मार्च २०२१

स्वीडन की एक कंपनी के भारत में रिश्वत घोटाले में नितिन गडकरी का नाम आने के बाद केंद्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने वाली मीडिया कंपनियों को मानहानि का नोटिस भेजा है.

https://p.dw.com/p/3qWAo
Indien | Politiker Nitin Jairam Gadkari
तस्वीर: IANS

स्केनिया से लेनदेन के मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम आने के बाद गडकरी ने इस विषय में आई मीडिया रिपोर्टों को आधारहीन बताया था. उनके कार्यालय ने अब स्वीडन की दो मीडिया कंपनियों एसवीटी और जेडडीएफ को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है.

दोनों कंपनियों ने फोक्सवागन की स्वीडन स्थित सहायक कंपनी स्केनिया पर आरोप लगाया था कि उसने 2013 से 2016 के बीच भारत में बसों के ठेके हासिल करने के लिए अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत दी थी. स्केनिया ने इसे स्वीकारा है और कहा है कि एक आतंरिक जांच के बाद कंपनी ने घोटाले में शामिल कर्मचारियों को निकाल दिया था और भारत में अपने व्यापार को बंद कर दिया था.

उसी मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि स्केनिया ने अपनी एक खास बस, मेट्रोलिंक एचडी, गडकरी से जुड़ी एक कंपनी को उनकी बेटी की शादी में इस्तेमाल के लिए दी थी, वो भी बिना पूरा भुगतान हुए. गुरुवार सुबह गडकरी के कार्यालय से जारी किए गए बयान में इस आरोप का खंडन किया गया था.

बाद में स्केनिया ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि उसने वो बस बेंगलुरु में अपने एक डीलर को बेच दी थी जिसने बस को नागपुर की एक दूसरी कंपनी सुदर्शन हॉस्पिटैलिटी को बेच दिया था. स्केनिया ने गडकरी को निजी इस्तेमाल के लिए कोई भी बस देने से इनकार किया है.

लेकिन इसके अलावा यह भी सामने आया है कि गडकरी ने स्केनिया की इथेनॉल से चलनी वाली बसों को नागपुर में चलाने के लिए वहां की नगरपालिका को कहा था. इसके बाद नगरपालिका ने कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर कर ऐसी 55 बसें ट्रायल पर लीं और नागपुर में चलाईं. कंपनी ने अखबार को बताया कि ट्रायल पूरा होने के बाद बसें कंपनी को वापस लौटा दी गईं.

इस ट्रायल के बारे में जानकारी को गडकरी के कार्यालय ने भी स्वीकारा है और कहा है कि स्केनिया की इथेनॉल से चलने वाली बसों को नागपुर में लाने में केंद्रीय मंत्री की अग्रणी भूमिका रही है. लेकिन इस ट्रायल में भ्रष्टाचार की संभावना से गडकरी और स्केनिया दोनों ने ही इनकार किया है. कंपनी और नगरपालिका के बीच हुआ समझौता व्यावसायिक था लेकिन इसमें कितने पैसों का लेन देन हुआ था, यह अभी सामने नहीं आया है.

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी