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रिकॉर्ड पर सवार चैंपियन बायर्न

८ अप्रैल २०१३

बुंडेसलीगा यानी जर्मन फुटबॉल लीग का सीजन अभी खत्म नहीं हुआ है लेकिन बायर्न म्यूनिख के सिर पर जीत का ताज सज गया है. जीत दिलाने का यह करिश्मा एक बैक किक ने किया.

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तस्वीर: Reuters

बायर्न म्यूनिख के लिए यह सीजन शानदार रहा और बुंडेसलीगा के 50वें साल की जीत भी. इस जीत की सबसे ज्यादा तारीफ अगर किसी ने की तो वो क्लब के अध्यक्ष उली होएनेस ने, "इन सभी सालों में मैं बायर्न म्यूनिख के साथ रहा हूं. मुझे याद नहीं कि हमने खिताब इतने बड़े अंतर के साथ जीता हो." एक ऐसे व्यक्ति से तारीफ मिलना, जो खुद बायर्न की उस टीम के सदस्य रहे जिसने 1970 के दशक में तीन बार जर्मन लीग जीती.

शनिवार को हुए मैच में बायर्न म्यूनिख ने एक के बाद एक कई रिकॉर्ड तोड़े और खिताब पर कब्जा कर लिया. लेकिन यह जीत इतनी आसानी से नहीं मिली. फ्रैंकफर्ट ने तगड़ी टक्कर दी. बायर्न यह मैच सिर्फ 1-0 से जीत पाई और इसमें योगदान रहा बास्टियान श्वाइनश्टाइगर की बढ़िया बैक किक का.

कुछ रिकॉर्ड

  • यह विरोधी ग्राउंड पर बायर्न की इस सीजन में 13वीं जीत थी. इससे पहले कोई टीम इतनी बार दूसरे के मैदान पर नहीं जीती.
  • बायर्न की 24 में से 18 जीतों में प्रतिद्वंद्वी टीम कोई गोल नहीं कर पाई. इससे पहले 17 ऐसे मैचों का रिकॉर्ड शाल्के का था. उन्होंने ये 1971-72 में बनाया था.
  • बायर्न ने घरेलू मैदान से दूर 12 मैचों में दूसरी टीम को एक भी गोल नहीं करने दिया.
  • इस टीम के खिलाड़ियों की औसत आयु 26.6 साल है. इस कारण खिताब जीतने वाली यह सबसे युवा टीम है.
  • Bundesliga Tor Jubel FC Bayern München Dante Schweinsteiger
    गोल की खुशीतस्वीर: Bongarts/Getty Images

इतना ही नहीं आने वाले दिनों में टीम कुछ और रिकॉर्ड भी तोड़ सकती है.

  • मौजूदा सीजन में बायर्न 66 गोलों की बढ़त पर है. अगर वह ये गोल अंतर बनाए रखते हैं तो 64 गोलों के अंतर के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ देंगे.
  • इस सीजन के बचे हुए मैचों में अगर वह दो और जीत बिना कोई गोल खाए हासिल कर लेते हैं तो ब्रेमन के दोहरे और बुंडेसलीगा के ऐसे 19 मैचों के अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ देंगे.
  • इस सीजन में अभी तक लाल जर्सी वाली टीम ने सिर्फ 13 गोल खाए हैं. पुराना रिकॉर्ड 21 गोलों का है. जाहिर तौर पर बायर्न का ही जो इस बार टूटता नजर आ रहा है.

कोच की निराशा

68 साल के युप हेंकेस टीम को खिताब जिताने वाले सबसे बुजुर्ग कोच होंगे. लेकिन ये निराश करने वाली बात ही है कि इतनी लंबी चौड़ी उपलब्धि के बाद भी उनकी नौकरी जा चुकी है और अगले सीजन में बार्सिलोना के पेप गुआर्डिओला उनकी जगह लेने वाले हैं.

हेंकेस ने पूरे सीजन में समझ बूझ भरे फैसले किए. नेतृत्व की गजब की क्षमता दिखाने के अलावा उन्होंने बाजार को भी परखा. और काम के खिलाड़ियों को खरीदा. हेंकेस ने अपने ही कारखाने में तैयार फुटबॉलरों के साथ दांते और मारियो मांजुकिच को भी टीम का अहम हिस्सा बनाया और नतीजा सबके सामने है.

Bundesliga 2013 Fußball Eintracht Frankfurt gegen FC Bayern München
तगड़ा मैचतस्वीर: AFP/Getty Images

दुस्वप्न से आगे

कामियाबी का वक्त ऐसा है जब पिछली दो बार से बुंडेसलीगा पर पीली जर्सी का खुमार छाया था. उत्तरी जर्मनी की डॉर्टमुंड टीम दो बार से चैंपियन बनती आ रही थी और बायर्न को दूसरे या तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ रहा था. पिछले सीजन का अंत तो इतना बुरा था कि जर्मन कप के फाइनल में डॉर्टमुंड से 5-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी और हफ्ते भर बाद चेल्सी के हाथों चैंपियंस लीग का खिताबी मुकाबला गंवाना पड़ा.

हालांकि बायर्न ने बदला भी खूब लिया जब इस सीजन में हैम्बर्ग की टीम को 9-2 से रौंद दिया. दुनिया के सबसे बड़े लीग खिताब चैंपियंस लीग में इस बार जीत हासिल करने के लिए यह मनोवैज्ञानिक विजय भी है.

बड़े पैमाने पर देखा जाए तो आम तौर पर जर्मनी का संकुचित और ठहरा हुआ क्लब पूरे यूरोप में जलवा बिखेरने को तैयार है. यह इस बार किसी इंग्लिश प्रीमियर लीग या बार्सिलोना या रियाल मैड्रिड के साए में नहीं खड़ा है. बल्कि खुद एक बड़ी पहचान बनाई.

रिपोर्टः बेन नाइट/एएम

संपादनः ए जमाल

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