1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दिल्ली में वायु गुणवत्ता पर दशहरा का असर

२६ अक्टूबर २०२०

कोरोना और बढ़े हुए प्रदूषण के बावजूद दिल्ली में दशहरा पर रावण के पुतले जलाए गए. इसका सीधा असर दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर देखा गया, जो कई स्थानों पर 'खतरनाक' श्रेणी में चली गई.

https://p.dw.com/p/3kRnv
BdTD Indien Smog in Neu-Delhi
तस्वीर: Jewel Samad/AFP/Getty Images

रविवार 25 अक्टूबर को दशहरा के अवसर पर दिल्ली में रावण के पुतले और पटाखे जलाने से राजधानी की पहले से खराब वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) और भी बदतर हो गई. सोमवार सुबह शहर के कई इलाकों में स्मॉग की एक मोटी परत देखी गई और वायु गुणवत्ता का स्तर गिर कर कहीं 'बहुत खराब' तो कहीं 'खतरनाक' हो गया.

यह नजारा अमेरिकी चुनावों में हुई उस आखिरी बहस के बस कुछ ही दिनों बाद देखने को मिला, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत की हवा को "गंदी" बताया था. उनकी टिप्पणी के खिलाफ भारत में सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश देखने को मिला था, लेकिन भारत के प्रदूषण नियामक ने ताजा आंकड़ों के साथ वास्तविक स्थिति पूरी तरह से साफ कर दी.

केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के अनुसार सोमवार सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता 347 थी. सोनिया विहार जैसे कुछ इलाकों में तो एक्यूआई 439 थी. सूचकांक 500 तक जाता है और बोर्ड के मानकों के अनुसार एक्यूआई 100 पार करते ही स्वास्थ्य के लिए और ज्यादा हानिकारक होती चली जाती है.

Indien Smog
पर्यावरणविद कह रहे हैं कि अगर दशहरा में यह हाल हुआ है तो दीवाली में हालात और बदतर हो जाएंगे, क्योंकि दीवाली में लोग और ज्यादा पटाखे जलाते हैं.तस्वीर: IANS

शहर में पहले ही सांस लेने से संबंधित शिकायतों में उछाल देखी जा रही थी. इस महीने दिल्ली में औसत एक्यूआई 227 दर्ज की गई है, जिसका मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा खेतों की पराली के जलाने को माना जा रहा है. लेकिन दशहरा के बाद के हालात ने दिखा दिया कि शहर की अपनी ही समस्याएं कम नहीं हैं.

पर्यावरणविद कह रहे हैं कि अगर दशहरा में यह हाल हुआ है तो दीवाली में हालात और बदतर हो जाएंगे, क्योंकि दीवाली में लोग और ज्यादा पटाखे जलाते हैं. दीवाली अगले महीने है और उस समय किसानों द्बारा पराली जलाना भी जारी रहने की आशंका है. इसके अलावा हवा के नीचे बहने की वजह से भी स्मॉग शहर के ऊपर ही ठहर जाएगा.

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ नया कानून

इसी बीच, केंद्र सरकार ने कहा है कि वो दिल्ली में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए एक नया कानून लाएगी. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वी अगले तीन-चार दिनों में एक नया कानून ला कर एक स्थायी संस्था की स्थापना करेगी जो पराली जलाने को रोकने और दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने इसी उद्देश्य के लिए कुछ ही दिन पहले सेवानिवृत्त जज जस्टिस मदन लोकुर की अध्यक्षता में एक एक-सदस्यीय समिति की स्थापना की थी. केंद्र के इस आश्वासन के बाद अदालत ने लोकुर समिति को रोक दिया है. हालांकि अभी यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह समिति क्या करेगी. इस उद्देश्य के लिए ईपीसीए नामक एक उच्च स्तरीय समिति पहले से मौजूद है, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में गठित किया था.

सीके/एए (रॉयटर्स)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी