रात में काम करो, दिन में विरोधः गिलानी
१४ सितम्बर २०१०गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेस के धड़े ने सिर्फ 19 और 22 सितंबर को विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम से बाहर रखा गया है. इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें लोगों से अपने रोजमर्रा के काम शाम सात बजे से लेकर सुबह सात बजे तक करने को कहा गया है. हुर्रियत के बयान के मुताबिक, "सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक खुले रहें. दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान रात में भी अपना कारोबार कर सकते हैं. रात के दौरान भी सड़कों पर वाहन चल सकते हैं."
गिलानी ने 21 सितंबर को सुरक्षा बलों के शिविरों तक मार्च करने का कार्यक्रम बनाया जिसके दौरान शांतपूर्ण तरीके से अलगाववादियों की मांग उठाई जाएगी. जून में विरोध प्रदर्शनों के दौरान एक किशोरी की मौत के बाद से घाटी में बराबर हिंसा का दौर जारी है. सोमवार को ही सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों की झड़पों में 17 लोग मारे गए. पिछले तीन महीनों के दौरान घाटी में लगभग 85 लोग इस हिंसा का शिकार बन चुके हैं.
उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग की कड़ी आलोचना की है. विदेश मंत्रालय के एक बयान में कुरैशी ने कश्मीर के हालात का हवाला देते हुए कहा है, "भारतीय सुरक्षा बलों की और से की गई हिंसा में जून से दर्जनों लोग मारे गए हैं." पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत से संयम बरतने की अपील की है और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और कश्मीरी लोगों के मुताबिक कश्मीर समस्या के समाधान के लिए काम करने को कहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल