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रात भर हिलती रही धरती

१७ अप्रैल २०१३

एशिया में बीती शाम आए भूकंप के तेज झटकों के बाद रात भर धरती रह रह कर कांपती रही. भूकंप का केंद्र ईऱान में था लेकिन नुकसान सबसे ज्यादा पाकिस्तान के सीमावर्ती दूर दराज के गांवों को हुआ है. भारत में भी असर.

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तस्वीर: Reuters

पाकिस्तानी राहतकर्मी दक्षिण पश्चिमी इलाके के दूर दराज गांवों तक पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. ईरान से लगती सीमा पर भूकंप के झटकों ने भारी तबाही मचाई है और आपदा से लड़ने में जुटे अधिकारियों ने 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. मरने वाले लोग बलूचिस्तान प्रांत के माशखेल इलाके के हैं हालांकि सेना के सूत्र 34 लोगों के मरने की बात कर रहे हैं.

मंगलवार शाम को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई. इसका केंद्र ईरान के दक्षिण पूर्वी सीमावर्ती इलाके में सिस्तान के खाश शहर से 80 किलोमीटर दूर था. एक स्थानीय अधिकारी ने ईरान की फार्स समाचार एजेंसी को बताया कि 20 से ज्यादा गांव बुरी तरह प्रभावित हुए. ईरान में एक महिला की मौत और 27 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है. अधिकारियों के हवाले से समाचार एजेंसी इसना ने यह खबर दी है. भूकंप ने आस पास के कई देशों में भी बड़ी हलचल मचाई है. इनमें खाड़ी के देश भी शामिल हैं. कुवैत और भारत की राजधानी दिल्ली में भी झटके महसूस किए गए और वहां बड़ी देर तक अफरातफरी मची रही. दुबई में हजारों लोग दफ्तरों से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए. ईरान में रात भर हल्के हल्के झटके महसूस होते रहे और बुधवार सुबह भी रिक्टर पैमाने पर 6 की तीव्रता वाला भूकंप बाद का झटका दर्ज किया गया.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

बलूचिस्तान के प्रांतीय आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी सैफुर रहमान ने बताया कि राहतकर्मियों का दल और राहत का सामान हवाई मार्ग से प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया जा रहा है. समाचार एजेंसी डीपीए से बातचीत में रहमान ने कहा, "कई गांव ऐसे हैं जहां जमीन के रास्ते से नहीं पहुंचा जा सकता. पहाड़ी और रेतीले रास्तों पर ट्रक नहीं जा सकते. दुर्गम होने की वजह से राहत के कामों में देरी हो सकती है लेकिन पूरे तंत्र को सक्रिय कर काम पर लगा दिया गया है जिससे कि जितनी जल्दी हो, राहत मिल सके."

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

रहमान ने बताया कि मिट्टी के कई घर गिर गए हैं और इनमें से ज्यादातर की मरम्मत नहीं हो सकती. पाकिस्तान के सुरक्षा बल भी राहत के कामों में जुट गए हैं. सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "900 किलो दवाइयां और पांच टन राशन माशकेल में भेजा जा चुका है." सेना ने यह भी कहा कि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को राहत के काम के लिए भेजा जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने इस आपदा पर दुख जताया है, "संयुक्त राष्ट्र जरूरत पड़ने पर हर तरह की मदद के लिए तैयार है." एक हफ्ते पहले भी ईरान के बंदरगाह वाले शहर बुशेर में भूकंप आया था, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हुई थी.

एनआर/एएम (डीपीए, एएफपी)

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