राग इकोफ्रेंडली26.03.2014२६ मार्च २०१४हाथ से निकलते मौसम के बीच, प्रकृति से दूर पहुंचा इंसान, फिर से प्रकृति के नजदीक जाना चाहता है. प्रकृति जिसका संतुलन वह बिगाड़ चुका है. अब ऊर्जा, पानी, हवा बचाने की उसकी कोशिशें प्रयास कम, छटपटाहट ज्यादा लगती है.https://p.dw.com/p/1BVwwतस्वीर: picture-alliance/dpaविज्ञापन