यूरोप में सिगरेट पीना होगा मुश्किल
२६ फ़रवरी २०१४बुधवार को यूरोपीय संसद में इस प्रस्ताव पर मतदान के बाद यह फैसला किया गया. संघ के स्वास्थ्य कमिश्नर टोनियो बोर्ग ने बताया, "यह निर्धारित किया जाएगा कि तंबाकू उत्पाद स्वाद और देखने में तंबाकू जैसे हों. नए नियमों से यूरोपीय संघ में सिगरेट पीने वालों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी." यूरोप में हर साल तंबाकू के कारण होने वाली बीमारियों से करीब सात लाख लोगों की मौत होती है. सिगरेट न पीने वालों के मुकाबले सिगरेट पीने वाले औसतन 14 साल कम जीते हैं, और उम्र का काफी समय वे खराब सेहत के साथ जीते हैं.
नई शर्तें
नए नियमों के अनुसार सिगरेट के पैकेट पर आगे और पीछे 65 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों से भरा होगा. इनमें सिगरेट से होने वाली बीमारियों की तस्वीरें भी शामिल किए जाने के निर्देश हैं. फ्लेवर के साथ आने वाले तंबाकू उत्पादों की भी बाजार में काफी मांग है. उन पर प्रतिबंध लगेगा, मेंथॉल सिगरेट की बिक्री 2020 से प्रतिबंधित होगी.
बाजार में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को भी निर्धारित किया जाएगा. अब तक इन्हें चिकित्सा की दिशा में इस्तेमाल करने के तमाम प्रयास विफल रहे हैं. 'स्लिम सिगरेट' के रूप में जानी जाने वाली पतली सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भी अस्वीकार कर दिया गया, हालांकि उन्हें भी कम आकर्षक पैकिंग में बेचा जाएगा.
तंबाकू की ऑनलाइन बिक्री को नियंत्रित करने के कदम भी उठाए जाएंगे. इस प्रस्ताव को यूरोपीय संसद में प्रस्तुत करने वाली ब्रिटिश सांसद लिंडा मैकेवन ने कहा, "इन नई कोशिशों से आगे आने वाली नस्लों को सिगरेट पीने से रोकने में मदद मिलेगी. बड़ी संख्या में लोग 18 साल से कम उम्र में सिगरेट का सेवन शुरू कर देते हैं."
फैसले से नाखुश
नए नियम खासे विवादास्पद हैं. तंबाकू कंपनियां इस फैसले से खुश नहीं हैं. आलोचकों का कहना है कि नए नियम से ग्राहकों के सामने विकल्प कम हो जाएंगे और सिगरेट के गैरकानूनी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा सरकार की आमदनी पर फर्क पड़ेगा और ढेरों लोग बेरोजगार होंगे. फ्रांसीसी शहर स्ट्रासबुर्ग के यूरोपीय संसद में जब इस मुद्दे पर वोटिंग हुई, तो 514 लोगों ने इसके पक्ष में वोट दिया, जबकि 66 ने इसके विरोध में. 58 लोगों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
तंबाकू सुधार पर यूरोपीय संघ के 28 देशों की सरकारों को 14 मार्च तक इसकी पुष्टि करनी है. यह एक औपचारिकता मात्र है क्योंकि सदस्य राष्ट्र दिसंबर में ही इस पर सहमति जता चुके हैं. इन नियमों को देशों के कानून में शामिल किए जाने के लिए दो साल का समय दिया जाएगा.
एसएफ/एजेए (डीपीए)