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यूरोप में यहूदी विरोध पर चिंता

२४ जुलाई २०१४

गाजा में इस्राएली सैनिक कार्रवाई का यूरोप के शहरों में भी विरोध हो रहा है. विरोध प्रदर्शनों में यहूदी विरोध की घटनाओं के सामने आने के बाद जर्मनी, फ्रांस और इटली के विदेश मंत्रियों ने इसकी निंदा की है.

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Protest in Paris gegen Israels Kurs in Gaza 19.07.2014
तस्वीर: Reuters

रविवार को फ्रेंच मीडिया ने पेरिस के उपनगर सारसेल में एक कोशर ग्रोसरी की जली हुई दुकान की तस्वीरें दिखाई थीं. इस इलाके में बहुत से यहूदी रहते हैं. इसके अलावा दो इलाकों में यहूदी प्रार्थना गृह सिनागॉग के सामने पुलिस और फलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं. बर्लिन में मंगलवार को हुए प्रदर्शनों में यहूदी विरोधी नारेबाजी हुई.

जर्मनी, फ्रांस और इटली के विदेश मंत्रियों ने ब्रसेल्स में अपने साझा बयान में कहा, "यहूदी विरोधी उकसावे और यहूदियों के खिलाफ शत्रुता तथा यहूदी आस्था के लोगों और सिनागॉग पर हमलों की हमारे समाज में कोई जगह नहीं है." जर्मनी के फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर, फ्रांस के लौरां फाबिउस और इटली की फ्रेडेरिका मोगेरिनी ने कहा, "कुछ भी, गाजा में नाटकीय सैनिक संघर्ष भी यूरोप में इस तरह की कार्रवाईयों को उचित नहीं ठहराता."

नाकाम कोशिशें

विदेश मंत्रियों ने कहा, "हम साथ मिलकर और अपने देशों में सब कुछ करेंगे ताकि सभी नागरिक यहूदी विरोधी झगड़ों के बिना शांति और सुरक्षा में रह सकें." अमेरिकी यहूदी समिति ने इस बयान का स्वागत किया है. जर्मन यहूदी संबंधों के संस्थान के निदेशक देद्रे बैर्गर ने कहा है कि स्थिति ने अप्रत्याशित आयाम हासिल कर लिया है.यहूदी विरोध की लहर फलस्तीन समर्थक रैलियों के साथ दिन ब दिन खराब होती जा रही है.

Protest in Paris gegen Israels Kurs in Gaza 19.07.2014
तस्वीर: Reuters

गाजा में चल रही लड़ाई में अब तक तकरीबन 600 फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें ज्यादातर असैनिक नागरिक हैं. गाजा पर 10 दिनों की बमबारी के बाद इस्राएल ने वहां से हो रहे रॉकेट हमलों को रोकने के लिए पिछले गुरुवार को जमीनी सैन्य कार्रवाई भी शुरू की है. अब तक लड़ाई में 29 इस्राएली मारे गए हैं जिनमें 27 सैनिक हैं. हमास और इस्राएल के बीच संघर्ष विराम कराने की कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं.

नारों से खतरा

फ्रेंच अधिकारियों ने हिंसा भड़कने के डर से वीकएंड में कई फलीस्तीनी समर्थक रैलियों को इजाजत नहीं दी थी. लेकिन बुधवार को पेरिस में नियोजित एक रैली को अनुमति दी गई है. फ्रांस में यूरोप का सबसे बड़ा यहूदी और मुस्लिम समुदाय रहता है. मध्यपूर्व में हिंसा भड़कने का अक्सर दोनों समुदायों के रिश्तों पर असर होता है. बुधवार की रैली से पहले फ्रांस में इस्राएल के राजदूत योसी गाल ने कहा है कि यह जरूरी है कि अधिकारी यहूदीविरोध से लड़ने के प्रयासों पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि यहूदी समुदाय में चिंता है.

जर्मनी में बर्लिन पुलिस ने कहा है कि फलीस्तीन समर्थक रैली के बाद पुलिस पर पत्थरबाजी के लिए उन्होंने 13 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने यहूदी विरोधी एक नारे पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.

उधर इस्राएल के अंतरराष्ट्रीय संबंध मंत्री युवाल श्टाइनित्स गाजा में इस्राएली कार्रवाई पर हो रहे प्रदर्शनों में यहूदियों के खिलाफ लगाए जा रहे नारों को खतरा बताते हैं. उनका कहना है, "हां, इस्राएल की आलोचना वैध है. हम लोकतंत्र हैं. लेकिन तथाकथित शांति योद्धा हमसे अपने जीवन की सुरक्षा का अधिकार लेना चाहते हैं."

एमजे/आईबी (डीपीए, रॉयटर्स)