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यूपी में बाढ़ से संकट, 177 और गांव चपेट में आए

२१ सितम्बर २०१०

उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ से बेहाल हैं और अब 177 गांवों के बाढ़ के चपेट में आने से संकट बढ़ता नजर आ रहा है. बरेली, बदांयू, पीलीभीत और शाहजहांपुर में बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित. उत्तराखंड में भी बुरा हाल.

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तस्वीर: DW

रामगंगा नदी से करीब 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति विकट हो गई है और बरेली डिवीजन के 177 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है. इलाके में बाढ़ की वजह से चार लोग मारे गए हैं. दिल्ली को लखनऊ से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-24 और बरेली बदांयू मार्ग पर वाहनों का चलना संभव नहीं है और इलाके में कई लोग फंसे पड़े हैं.

पानी के तेज प्रवाह से किच्छा नदी पर बना नारायण पुल बह गया. बरेली में आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्र को भी बाढ़ से नुकसान हुआ है. मुज्जफ्फरनगर में बाढ़ के चलते पौड़ी-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद कर दिया गया है. गंगा और सोलानी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पुलिस के जवानों ने गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में मदद की है.

बाढ़ से उत्तराखंड राज्य भी बुरी तरह प्रभावित है और वहां बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. अब तक करीब 76 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि बारिश से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है और चार दिनों के बाद बारिश थम गई है. मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार और अल्मोड़ा जिले का दौरा किया है जो बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया है.

ऋषिकेश और हरिद्वार में जलस्तर बढ़ा है क्योंकि टिहरी बांध से पानी छोड़ा गया है. हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह