यूपी में पत्रकार की जलाकर हत्या
१० जून २०१५मामला यूपी के शाहजहांपुर का है. पुलिस ने पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा के अलावा पांच अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इनमें इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय भी शामिल हैं. मामले में दबिश और मारपीट के बाद आग लगाने के आरोप हैं. एफआईआर में हत्या, आपराधिक साजिश, धमकाने और अशांति फैलाने के इरादे से बेइज्जत करने जैसी धाराओं का उल्लेख है.
मृतक गजेंद्र सिंह शाहजहांपुर में पिछले 15 वर्ष से पत्रकारिता के पेशे में थे. उन्होंने फेसबुक पर मंत्री राममूर्ति वर्मा के गुर्गों के खिलाफ खबरें लिखी थीं. आरोप है कि इस बात से नाराज मंत्री ने जगेंद्र सिंह के खिलाफ लूट, अपहरण और हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज करा दिया. इसके बाद एक जून को इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय ने गजेंद्र सिंह के घर पर दबिश दी और उनके साथ मारपीट करने के बाद पेट्रोल डालकर उन्हें जिंदा जला दिया.
हादसे में गजेंद्र बुरी तरह झुलस गए. उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया मगर शाहजहांपुर से डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ भेज दिया जहां वह एक जून से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे. मरने से पहले गजेंद्र का दिया गया बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने वर्मा पर उन्हें और उनके परिवार को धमकाने के आरोप लगाए हैं.
इंस्पेक्टर अमिताभ ठाकुर के मुताबिक गजेंद्र ने उन्हें बताया था कि मंत्री के गुर्गों ने उनपर घर के पास ही एक हमला 28 अप्रैल को भी किया था जिसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया. गजेंद्र सिंह के परिवार के मुताबिक उन्होंने जमीन हथियाने और गैर कानूनी खनन संबंधी मामलों के बारे राममूर्ति वर्मा के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट किया था.