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यूक्रेन में अल्टीमेटम खत्म

१४ अप्रैल २०१४

पूर्वी यूक्रेन के शहरों में सरकारी सेना कार्रवाई करने की तैयारी में है. रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों के लिए हथियार डालने की समय सीमा खत्म हो चुकी है.

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तस्वीर: picture-alliance/ITAR-Tass

यूक्रेन की सरकार पूर्वी शहरों में आतंकवाद विरोधी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है. उधर स्लावियांस्क शहर में हथियारबद्ध लोगों ने दो सरकारी इमारतों पर कब्जा कर रखा है और हथियार डालने की समय सीमा पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. सुरक्षा अधिकारियों की मौत और दो अन्य सुरक्षा कर्मियों के घायल होने के बाद राष्ट्रपति ओलेक्सांडर तुर्चिनोव ने विद्रोहियों को कार्रवाई की चेतावनी दी थी. तुर्चिनोव और अन्य नेताओं ने रूस को पूर्वी यूक्रेन में विरोध प्रदर्शनों को जिम्मेदार ठहराया है. यहां कई लोग रूस समर्थक हैं और रुसी भाषी भी.

इन विरोध प्रदर्शनों के कारण रूस और पश्चिम के बीच 1991 के शीत युद्ध के बाद एक बार फिर तनातनी हुई है. और गैस युद्ध का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे यूरोप को पहुंचने वाले ईंधन की सप्लाई प्रभावित हो सकती है.

'आपराधिक आदेश'

उधर रूस के विदेश मंत्रालय ने सैन्य कार्रवाई को 'आपराधिक आदेश' बताया है और पश्चिमी देशों से अपील की है कि वह यूक्रेन की सरकार को काबू में लाएं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार रात आपात बैठक बुलाई और चेतावनी दी कि अगर पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष जारी रहता है तो वह रूस पर और प्रतिबंध लगाएंगे. संयुक्त राष्ट्र में रूस के दूत विटाली चुरकिन ने कहा, "दक्षिण पूर्वी यूक्रेन में हालात हाथ से बाहर निकल रहे हैं. पश्चिम ही यूक्रेन को गृह युद्ध से बचा सकता है."

वहीं यूएन के लिए अमेरिकी दूत सामंथा पॉवर ने रूस को यूक्रेन में अस्थिरता फैलाने का आरोपी करार दिया. उन्होंने कहा, "यूक्रेन में लोग प्रलोभन और हिंसा से जूझ रहे हैं. मैं रूसी साथियों को सलाह देती हूं कि वे अपने मंत्रियों से बातचीत करें और अपने एजेंटों को बुला लें और जो कर रहे हैं, उसे रोकें. अलगाववाद को बढ़ावा ना दें. हम हालात से निबटने का रास्ता ढूंढ लेंगें."

दैनिक जीवन में तनाव

भले ही अमेरिका रूस पर व्यावसायिक प्रतिबंध लगाने का फैसला कर ले लेकिन क्या यूरोप इसमें अमेरिका का साथ देगा, यह फिलहाल पता नहीं है. स्लावियांस्क में अलगाववादी तीन मंजिला पुलिस मुख्यालय पर कब्जा कर चुके हैं और दैनिक जीवन में भी तनाव बना हुआ है.

पूर्वी यूरोप के कई स्कूल कॉलेजों की छुट्टी घोषित की गई है और बच्चों को घर ही में रखने की सलाह दी गई है. कई लोग काम पर जा रहे हैं लेकिन बच्चे घर ही में हैं.

एएम/आईबी (रॉयटर्स, डीपीए)