यूएस ओपन के लिए कमर कसते फेडरर
६ अगस्त २०१४दो साल से रोजर फेडरर ने कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीता है और विम्बलडन के फाइनल में पहुंच कर भी हार गए. लेकिन फेडरर अब जीवन को देखने का अंदाज ही बदल रहे हैं, "मैं आजकल चीजों के सकारात्मक पक्ष देखता हूं. जब मैं जवान था तो ज्यादा दबाव महसूस करता था. मुझे लगता था कि जो लोग कह रहे हैं मुझे वह करना ही है और मुझे सबकी सुनना है. आजकल मैं अपनी रफ्तार से चलता हूं. मैं इसमें मजा महसूस कर रहा हूं." अब फेडरर अमेरिकन ओपन की तैयारी कर रहे हैं जहां उन्हें इ वक्त के बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला करना होगा.
टोरंटो में वह खेल रहे हैं और उन्होंने अच्छी शुरुआत भी की है. पूर्व टेनिस स्टार और फेडरर के कोच स्टेफन एडबर्ग का कहना है, "उनमें अभी भी प्रतिबद्धता है, वह कड़ी मेहनत करते हैं और जीतने की इच्छा रखते हैं. मुझे लगता है कि यह बहुत ही जरूरी है." आजकल वह पहले जितने टूर्नामेंट नहीं खेलते. फिर भी फिट हैं और दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी बने हुए हैं. वह खेल को लेकर भी अपना तरीका सहज बनाना चाहते हैं, "मुझे लगता है कि अब मुझे किसी को कुछ साबित नहीं करना है. हालांकि लोग इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं." वह कहते हैं कि अपनी प्रैक्टिस और खेल को लेकर अब वह खुद फैसला करते हैं.
वह पहली बार 1998 में टेनिस कोर्ट में उतरे. तब से खेल ने बहुत बदलाव देखे. 2004 के बाद से वह टेनिस के शीर्ष पर रहे. बाद के बरसों में राफाएल नाडाल और नोवाक जोकोविच भी पहले नंबर पर पहुंचे. वह 2012 के बाद कभी नंबर एक नहीं बन पाए लेकिन इससे पहले वह रिकॉर्ड 302 हफ्ते तक वहां रहे.
फेडरर मानते हैं कि प्रतिस्पर्धा की वजह से खेल बदला है, "दुनिया भर के कोच अब खिलाड़ियों को बैकहैंड और फोरहैंड के अलावा अच्छी सर्विस सिखाते हैं. लेकिन वॉली के बारे में कोई नहीं बताता. मैं समझता हूं कि इसकी भी जगह होनी चाहिए."
कभी फेडरर इंग्लिश, जर्मन और फ्रेंच में एक साथ प्रेस कांफ्रेंस किया करते थे. अब वे थोड़ा धीमे पड़ गए हैं. हालांकि उनका कहना है, "अब लोग मेरे बारे में बहुत कुछ जान गए हैं. और मैं चाहता हू्ं कि दूसरे खिलाड़ियों को भी मौका मिले."
एजेए/एमजी (एपी)