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युवा निकला सैकड़ों साल पुराना अमेरिकी पेड़

४ जून २०१५

कैलिफोर्निया में रेडवुड पेड़ों की उम्र पता करने के लिए हुई एक नई स्टडी से पता चला है कि एक पुराना लंबा पेड़ उतना पुराना नहीं, जितना समझा जाता था. इस विख्यात पेड़ के विशाल आकार के कारण उसे हजारों साल पुराना समझा जाता था.

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तस्वीर: Getty Images/ M. Ralston

इस विख्यात पेड़ का नाम ट्री 76 है क्योंकि वह कैलिफोर्निया के मुइर वुड्स जंगल की सतह से 76 मीटर ऊंचा है. हुम्बोल्ट स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपनी स्टडी में पाया कि अब तक के अनुमान के विपरीत ट्री 76 सबसे पुराने समझे जाने वाले रेडवुड से बहुत युवा है. यह 777 साल का है. हुम्बोल्ट स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर लंबे समय से पेड़ों पर जलवायु परिवर्तन के असर की जांच के लिए कंजर्वेशन ग्रुप 'सेव द रेडवुड्स लीग' के साथ सहयोग कर रहे हैं.

सेव द रेडवुड्स लीग की साइंस डाइरेक्टर एमिली बर्न्स का कहना है, "ट्री 76 उन बड़े पेड़ों में है जहां तक लोग टहलकर जा सकते हैं, इसलिए लोग उसकी उम्र के बारे में अटकलें लगाते रहे हैं." बर्न्स का कहना है कि रेडवुड के पेड़ों का जीवन काफी लंबा होता है, "सबसे पुराना पेड़ जिसके बारे में हमें पता है 2,500 साल पुराना है." पृथ्वी पर सबसे लंबे जीवित पेड़ों में रेडवुड्स शामिल हैं.

हालांकि मुइर वुड्स आने वाले पर्यटक हमेशा से पेड़ की उम्र के बारे में पूछते रहे हैं, यह पहला मौका है जब वैज्ञानिक सही जवाब देने की हालत में हैं. यह इलाका इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां 1945 में संयुक्त राष्ट्र की प्रसिद्ध बैठक हुई थी. हुम्बोल्ट के रिसर्चरों ने पिछले साल विशाल रेडवुड पेड़ों पर चढ़कर पेंसिल के आकार के सैंपल लिए, जिनका इस्तेमाल पेड़ों की उम्र का पता करने के अलावा उनकी संरचना और जैव विविधता के बारे में जानने के लिए किया गया.

इस शोध का मकसद इसे बेहतर तरीके से समझना है कि जलवायु परिवर्तन और सूखा जैसी मौसमी घटनाओं का अतीत में रेडवुड पर क्या असर हुआ है और भविष्य में वे उन पर क्या असर डाल सकते हैं. बर्न्स ने कहा है कि बड़े पेड़ों को अक्सर कम से कम 1,500 साल पुराना माना जाता था, लेकिन छाल के लाल होने के कारण रेडवुड कहे जाने वाले पेड़ों के छोटे नमूने बड़े पेड़ों से ज्यादा पुराने हो सकते हैं. वे कहते हैं, "उम्र और आकार समानुपाती नहीं हैं."

पेड़ों की उम्र पता करने में हुई देरी के बारे में हुम्बोल्ट के रिसर्चर एलिसन कैरल का कहना है कि पहले शोधकर्मी खड़े पेड़ों की उम्र इसलिए पता नहीं कर पाए थे क्योंकि जमीन से पेड़ के केंद्र तक नहीं जा सकते थे. अब पेड़ के ऊपरी हिस्सों से सैंपल लेकर और रिसर्चरों द्वारा विकसित फॉर्मूला की मदद से वे पेड़ की उम्र के अलावा पिछले सैकड़ों सालों के जलवायु इतिहास का भी पता कर सकते हैं.

एमजे/आरआर (रॉयटर्स)