युद्ध की कीमत
गाजा में इस्राएस फलीस्तीनी युद्ध का नतीजा, 2100 फलीस्तीनियों और 70 इस्राएलियों की मौत. हाल के झगड़े की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. जान का नुकसान हुआ ही है, गाजा में पूरी संरचना नष्ट हो गई है.
गाजा में खुशी
गाजा के लोग असीमित संघर्ष विराम का जश्न मना रहे हैं. इस्राएल और उग्रपंथी फलीस्तीनी इस पर सहमत हुए हैं. 50 दिनों की खूनी लड़ाई खास कर गाजा के लोगों के काफी नुकसान वाली रही.
खूनी संघर्ष
दक्षिणी गाजा में हवाई हमले में मारे गए दो साल के एक बच्चे को दफनाया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार गाजा पर हाल के इस्राएली हमलों में 2100 लोग मारे गए जिनमें 500 बच्चे थे.
हुए बेघर
गाजा सिटी में संयुक्त राष्ट्र स्कूल में खाना खाते शरणार्थी. लड़ाई में हजारों परिवारों ने आसरा खो दिया. बमबारी में बेघर हुए लोग अब बुरी तरह भरे स्कूलों और आपात शिविरों में रह रहे हैं.
स्थायी निशान
गाजा सिटी में अल शिफा अस्पताल में एक बच्चे का इलाज कर रहा एक डॉक्टर. फलीस्तीनी रिपोर्टों के अनुसार लड़ाई में 11,000 लोग घायल हुए. उनमें से बहुत से जीवन भर अपंग रहेंगे.
बिजली की कमी
हमलों में गाजा के इलेक्ट्रिक प्लांट और पानी को साफ करने वाले प्लांट को भी भारी नुकसान पहुंचा. इसका असर शहर में लोगों को बिजली और पीने के पानी की आपूर्ति पर हुआ है.
मलबे में खतरा
इस्राएल के अनुसार गाजा में 5200 ठिकानों पर बमबारी की गई. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि पुनर्निर्माण पर अरबों यूरो खर्च होंगे. मलबे में ढेरा सारा जीवित बम होने की आशंका है.
बाल बाल बचे
इस्राएल के आशकेलॉन में फलीस्तीनी रॉकेट हमले में नष्ट हुआ घर. अनियंत्रित रॉकेटों से जान माल को कभी कभी ही नुकसान हुआ. इस्राएली रॉकेट रोधी सिस्टम ने उन्हें रोक लिया.
अंतहीन शोक
गाजा पर हुए हमले में मारे गए एक चार साल के बच्चे का अंतिम संस्कार. इस्राएली आंकड़ों के अनुसार उग्रपंथी फलीस्तीनियों ने इस्राएल पर 4600 रॉकेट दागे, जिसमें छह लोग मरे.
इस्राएल में शोक
अपने एक साथी की मौत का शोक मनातीं इस्राएली महिला सैनिक. फलीस्तीनियों के खिलाफ सैनिक कार्रवाई में 64 इस्राएली सैनिक मारे गए. आम लोगों में गहरा शोक दिखा.
सुरंगों पर हमला
गाजा में एक सुरंग में हमास के लड़ाके. इस्राएल के हमलों का एक अहम लक्ष्य था गाजा में सुरंगों को नष्ट करना जहां से फलीस्तीनी हमला करते हैं. यह कितना सफल रहा, फिलहाल पता नहीं.
अंत तक तनातनी
संघर्ष विराम शुरू होने से पहले तक दोनों पक्षों ने हमलों में तेजी ला दी थी. फलीस्तीनी रॉकेटों ने दो इस्राएलियों की जान ली तो इस्राएलियों ने बहुमंजिली इमारतों पर हमले किए.