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म्यांमार में सू ची की पार्टी जीत की ओर

९ नवम्बर २०१५

म्यांमार में 25 साल बाद हुए पहले निष्पक्ष संसदीय चुनावों में विपक्षी नेता ऑन्ग सान सू ची की लोकतंत्र समर्थक पार्टी ने जीत का दावा किया है. सू ची की नेशनल डेमोक्रैटिक लीग को 70 प्रतिशत सीटें मिलने की उम्मीद है.

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Anhänger von Aung San Suu Kyi Jubel
तस्वीर: Reuters/S. Z. Tun

सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग ने अब तक 70 प्रतिशत सीटें मिलने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन जीत का जश्न मनाने के लिए लोग यांगोन में पार्टी मुख्यालय पर पहुंचने लगे. सू ची ने पार्टी मुख्यालय से बाहर निकलकर अपने समर्थकों का आभिवादन करते हुए कहा, "मैं समझती हूं कि लोगों को नतीजों का अंदाजा है, भले ही मैं कुछ ना कहूं." फिर भी उन्होंने सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि जीत के लिए उनकी पार्टी को बधाई देना जल्दबाजी होगी.

Myanmar Parlamentswahl Aung San Suu Kyi
विपक्षी नेता सू चीतस्वीर: Reuters/J. Silva

अब सवाल सिर्फ यह है कि चुनाव आयोग नतीजों की औपचारिक घोषणा कब करेगा और क्या सेना उसे स्वीकार करेगी. 70 वर्षीया नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची को उम्मीद है कि एनएलडी की जीत से म्यांमार में नई लोकतांत्रिक शुरुआत होगी. पार्टी ने 1990 में हुआ संसदीय चुनाव भी भारी बहुमत से जीता था, लेकिन सेना ने उसे मानने से इंकार कर दिया था. सू ची ने उसके बाद ज्यादातर समय नजरबंदी में काटा है. सेना ने चार साल पहले देश की सत्ता को पूर्व सैनिक शासक थेन सेन के नेतृत्व वाली असैनिक सरकार को सौंप दिया था. थेन सेन ने भरोसा दिलाया है कि वे जनता के फैसले का सम्मान करेंगे और शासन निर्वाचित सरकार को सौंप देंगे.

सेना समर्थित सत्ताधारी पार्टी यूएसडीपी के कई बड़े नेताओं ने चुनावों में अपनी हार स्वीकार कर ली है. उनमें पार्टी प्रमुख ताय ऊ और संसद प्रमुख श्वे मान भी शामिल हैं जिन्होंने एनएलडी उम्मीदवारों के हाथों अपनी हार मानी है. अंतिम नतीजे आने में अभी समय लग सकता है. मतगणना का काम धीमी गति से चल रहा है. सरकार बनाने के लिए सू ची की पार्टी को चुनाव में शामिल 67 प्रतिशत सीटों की जरूरत होगी क्योंकि संविधान के अनुसार एक चौथाई सीटें सेना के प्रतिनिधियों को दी जाती हैं.

Myanmar Parlamentswahlen Wahllokal Anawrahta Road
वोट देने का उत्साहतस्वीर: DW/R. Ebbighausen

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने चुनाव प्रक्रिया के बारे में कहा है कि दशकों से सेना द्वारा शासित देश में 80 प्रतिशत मतदाताओं की चुनाव में भागीदारी उनके साहस और बलिदान का संकेत है. केरी ने कहा कि चुनाव पूरी तरह से ठीक नहीं थे और बताया कि अमेरिका मतगणना पर ध्यान देगा. चुनाव के नतीजों पर ही निर्भर करेगा कि अगले साल होने वाले चुनावों में कौन देश का नया राष्ट्रपति बनेगा, जिसका चुनाव संसद के सदस्य करेंगे. मौजूदा संविधान के अनुसार सू ची राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं हो सकती क्योंकि उनके बेटे ब्रिटिश नागरिक हैं. उन्होंने कहा है कि अपनी पार्टी की जीत होने पर वे देश की नीति का निर्धारण करेंगी.

एमजे/आरआर (एएफपी)